हैदराबाद गजट तक सीमित आदेश का महत्व
मुंबई, महाराष्ट्र। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी किया गया आदेश, जो हैदराबाद गजट में प्रकाशित हुआ है, केवल वहीं तक सीमित है। इस संबंध में राजस्व मंत्री एवं ओबीसी उपसमिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट किया कि इस आदेश को ओबीसी समाज को गुमराह करने के साधन के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हमेशा से ही ओबीसी समाज के अधिकारों की रक्षा करना रही है।
बावनकुले ने यह भी स्पष्ट किया कि कुणबी सहित ओबीसी की 353 जातियों के आरक्षण के अधिकार सुरक्षित हैं और कोई भी वर्ग इस आरक्षण से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इस मामले में किसी प्रकार की अनदेखी या असमानता नहीं हो।
बावनकुले का निजाम शासन से तुलना
राज्य सरकार की नीतियों और पिछली व्यवस्थाओं की तुलना करते हुए बावनकुले ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार के कार्यकाल में मराठवाड़ा क्षेत्र की उपेक्षा हुई थी, और यह स्थिति उस समय के निजाम शासन जैसी थी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार समग्र विकास और समाज के सभी वर्गों के अधिकारों के प्रति सतर्क है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभ
बावनकुले ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत राज्य में 30 लाख घरों के लिए प्रत्येक लाभार्थी को 5 ब्रास रेत मुफ्त प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, 10 प्रतिशत रेत ग्रामपंचायतों के लिए आरक्षित रहेगी। यह कदम ग्रामीण विकास और गरीबों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कर्जमाफी का उद्देश्य
कृषि क्षेत्र में राहत देने के लिए राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्जमाफी केवल जरूरतमंद किसानों के लिए दी जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि फार्महाउस बनाने वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं हैं। पूरे राज्य में सर्वेक्षण किया जा रहा है ताकि वास्तविक जरूरतमंद किसानों को ही लाभ पहुँच सके।
आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियाँ
बावनकुले ने आगे कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए महायुती में जागरूकता और तैयारी पर भी चर्चा की जा रही है। उन्होंने यह संकेत दिया कि चुनावी रणनीति में जनता की मूलभूत जरूरतों और अधिकारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
निष्कर्ष
राज्य सरकार की नीतियाँ स्पष्ट रूप से ओबीसी समाज और किसानों के हित में केंद्रित हैं। बावनकुले ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी वर्ग आरक्षण और कर्जमाफी जैसी योजनाओं से वंचित न रहे। यह कदम न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण है बल्कि ग्रामीण और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण की दिशा में भी अहम साबित होगा।