Nagpur के Seminary Hills क्षेत्र में शनिवार दोपहर एक बड़ा हादसा टल गया। Surendragarh स्थित Navshakti Durga Utsav Mandal में लगाया गया विशाल लकड़ी का 45-feet Wooden Gate अचानक भरभराकर ढह गया। घटना दोपहर लगभग 3:30 बजे की बताई जा रही है। हादसा इतना बड़ा था कि कुछ देर के लिए पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल बन गया।
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बिना अनुमति और असुरक्षित गेट
मंडल द्वारा मुख्य भीड़भाड़ वाले मार्ग पर यह गेट खड़ा किया गया था। जांच में यह सामने आया कि गेट को बिना किसी सरकारी अनुमति और Safety Standards का पालन किए बिना बनाया गया था। सबसे हैरानी की बात यह है कि 45 फीट ऊँचे इस गेट को किसी भी मजबूत सहारे के बिना केवल लकड़ी के ढांचे पर खड़ा किया गया था। अचानक आई तेज़ हवाओं के झोंके से यह गेट भरभराकर गिर पड़ा।
हादसे में वाहन क्षतिग्रस्त, बिजली आपूर्ति बाधित
सौभाग्य से इस हादसे में किसी व्यक्ति की जान नहीं गई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ। लेकिन, कई वाहन गेट के नीचे आकर क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा, गेट गिरने से बिजली की तारें टूट गईं और आसपास के क्षेत्र में Power Supply Disruption देखने को मिला। इस वजह से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
आयोजकों की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि आयोजकों ने Public Safety की पूरी तरह अनदेखी की। इतनी भीड़भाड़ वाले मार्ग पर इतना विशाल गेट बिना किसी इंजीनियरिंग सपोर्ट और सुरक्षा उपायों के खड़ा करना सीधी लापरवाही है। नागरिकों का आरोप है कि आयोजक केवल दिखावे के लिए बड़े-बड़े गेट बनाते हैं, लेकिन लोगों की जान की सुरक्षा उनके लिए मायने नहीं रखती।
पुलिस की तत्परता, लेकिन कार्रवाई नहीं
घटना की जानकारी मिलते ही Gittikhadan Police की टीम मौके पर पहुंच गई और गिरा हुआ गेट हटाने का काम शुरू किया। हालांकि, चौंकाने वाली बात यह रही कि पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ कोई भी Legal Action नहीं लिया। सूत्रों के अनुसार, मंडल से जुड़े कुछ पदाधिकारी सत्ता पक्ष के प्रभावशाली नेताओं से जुड़े हुए हैं। इसी कारण पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।
नागरिकों में नाराज़गी
इस घटना को लेकर स्थानीय नागरिकों में गुस्सा है। लोगों का कहना है कि यदि आज गेट गिरने के समय वहां भीड़ होती, तो दर्जनों लोगों की जान जा सकती थी। नागरिकों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन की ढिलाई के चलते ऐसे आयोजकों को खुली छूट मिलती है। कई नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते Strict Action नहीं लिया गया, तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा निश्चित है।
सवालों के घेरे में प्रशासन
यह घटना प्रशासन और नगर निगम पर भी सवाल उठाती है। आखिर कैसे बिना अनुमति के इतनी बड़ी संरचना खड़ी कर दी गई? नगर निगम की टीम ने न तो निरीक्षण किया और न ही कोई आपत्ति दर्ज की। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले त्योहारों में अगर ऐसे अवैध और असुरक्षित ढांचे खड़े किए जाते रहे, तो स्थिति खतरनाक हो सकती है।
निष्कर्ष
Seminary Hills की यह घटना चेतावनी है कि धार्मिक आयोजनों में Safety Protocols की अनदेखी किसी भी समय बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। नागरिक अब प्रशासन और पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार लोग इस बार भी बच निकलेंगे या फिर जनता की नाराज़गी उन्हें जवाबदेह बनाएगी।