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नागपुर में चुनाव क्षेत्रों में पात्रता प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया रोकी गई, आचार संहिता के बाद फिर शुरू होगी

Nagpur Eligibility Certificate: चुनाव क्षेत्रों में पात्रता प्रमाणपत्र प्रक्रिया स्थगित
Nagpur Eligibility Certificate: चुनाव क्षेत्रों में पात्रता प्रमाणपत्र प्रक्रिया स्थगित (AI Photo)
नागपुर में चुनावी आचार संहिता के कारण अण्णासाहेब पाटील महामंडल ने महानगरपालिका और चुनाव वाले नगरपालिका क्षेत्रों में नए पात्रता प्रमाणपत्र जारी करना अस्थायी रूप से रोक दिया है। बाकी क्षेत्रों में प्रक्रिया सामान्य जारी रहेगी। चुनाव बाद प्रक्रिया फिर शुरू होगी। व्यवस्थापकीय संचालक विजय सिंह देशमुख ने अफवाहों से सावधान रहने और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करने की अपील की है।
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नागपुर में चुनावी आचार संहिता के चलते अण्णासाहेब पाटील आर्थिक पिछड़ा वर्ग विकास महामंडल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। महानगरपालिका और जिन नगरपालिका तथा नगरपरिषद क्षेत्रों में चुनाव होने हैं, वहां नए पात्रता प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। यह कदम चुनावी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि राज्य के बाकी सभी क्षेत्रों में यह प्रक्रिया सामान्य रूप से जारी रहेगी।

आदर्श आचार संहिता के कारण लिया गया निर्णय

चुनाव आयोग द्वारा लागू आदर्श आचार संहिता का पालन करना हर सरकारी संस्था के लिए जरूरी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए अण्णासाहेब पाटील आर्थिक पिछड़ा वर्ग विकास महामंडल ने यह फैसला लिया है। जिन क्षेत्रों में चुनाव की प्रक्रिया चल रही है या जल्द होने वाली है, वहां किसी भी तरह की नई योजना या प्रमाणपत्र जारी करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जा सकता है।

महामंडल के इस निर्णय से खासकर महानगरपालिका क्षेत्र और चुनाव वाली नगरपालिका तथा नगरपरिषद की सीमाओं में रहने वाले आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोग प्रभावित होंगे। जो लोग अपने पात्रता प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे थे, उन्हें अब चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक इंतजार करना होगा।

कौन से क्षेत्र हुए प्रभावित

यह प्रतिबंध केवल उन्हीं क्षेत्रों में लगाया गया है जहां चुनाव होने वाले हैं। इसमें मुख्य रूप से नागपुर महानगरपालिका क्षेत्र और आसपास की कुछ नगरपालिका तथा नगरपरिषद क्षेत्र शामिल हैं। महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों में जहां चुनाव नहीं हो रहे हैं, वहां पात्रता प्रमाणपत्र जारी करने का काम पहले की तरह चलता रहेगा।

इससे यह साफ होता है कि यह रोक पूरे राज्य में नहीं बल्कि सिर्फ चुनाव वाले इलाकों में ही लागू है। जो लोग अन्य जिलों या क्षेत्रों में रहते हैं, वे अपने प्रमाणपत्र के लिए सामान्य तरीके से आवेदन कर सकते हैं और प्रक्रिया पूरी करवा सकते हैं।

चुनाव के बाद फिर शुरू होगी प्रक्रिया

महामंडल ने स्पष्ट रूप से बताया है कि यह रोक अस्थायी है। जैसे ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी और आदर्श आचार संहिता की अवधि समाप्त होगी, प्रभावित क्षेत्रों में भी पात्रता प्रमाणपत्र जारी करने का काम फिर से शुरू कर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया नियमानुसार पूर्ववत रूप से चालू की जाएगी।

इससे लोगों को राहत मिली है कि यह स्थायी प्रतिबंध नहीं है। चुनाव खत्म होते ही जिन लोगों के आवेदन रुके हुए हैं या जो नए आवेदन करना चाहते हैं, वे अपना काम आगे बढ़ा सकेंगे। महामंडल ने आश्वासन दिया है कि चुनाव बाद प्रक्रिया में किसी तरह की देरी नहीं होगी।

अफवाहों से रहें सावधान

अण्णासाहेब पाटील आर्थिक पिछड़ा वर्ग विकास महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक विजय सिंह देशमुख ने एक महत्वपूर्ण अपील की है। उन्होंने कहा कि महामंडल की योजनाओं और कामकाज के बारे में कई तरह की गलत जानकारियां और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। मराठा समाज के लोगों और आम नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसी किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें।

आजकल सोशल मीडिया पर तरह-तरह की खबरें तेजी से फैलती हैं। कई बार बिना जांच-परख के लोग इन्हें सच मान लेते हैं। इससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है और लोगों को परेशानी होती है। इसलिए महामंडल ने साफ किया है कि केवल आधिकारिक सूचनाओं को ही सही माना जाए।

आधिकारिक जानकारी पर करें भरोसा

देशमुख ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके सभी नागरिकों से कहा है कि वे सिर्फ प्रमाणिक और आधिकारिक स्रोतों से मिली जानकारी पर ही भरोसा करें। महामंडल की आधिकारिक वेबसाइट, सरकारी अधिसूचनाएं और कार्यालय से मिली जानकारी ही सही मानी जानी चाहिए। किसी भी भ्रामक संदेश, व्हाट्सएप फॉरवर्ड या अनजान स्रोत से मिली जानकारी पर ध्यान न दें।

यह कदम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कई बार गलत सूचनाओं की वजह से लोग गलत फैसले ले लेते हैं या अनावश्यक परेशानी में पड़ जाते हैं। अगर किसी को कोई संदेह हो तो वह सीधे महामंडल के कार्यालय से संपर्क करके सही जानकारी हासिल कर सकता है।

पात्रता प्रमाणपत्र का महत्व

अण्णासाहेब पाटील आर्थिक पिछड़ा वर्ग विकास महामंडल द्वारा जारी किया जाने वाला पात्रता प्रमाणपत्र मराठा समुदाय और अन्य आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इस प्रमाणपत्र के जरिए लोग विभिन्न सरकारी योजनाओं, छात्रवृत्तियों, शैक्षिक रियायतों और रोजगार में आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं।

यह प्रमाणपत्र उन परिवारों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सरकारी मदद की जरूरत रखते हैं। इसलिए इसकी प्रक्रिया में किसी भी तरह की रुकावट लोगों के लिए चिंता का विषय बन सकती है। लेकिन महामंडल ने आश्वासन दिया है कि यह रोक अस्थायी है और जल्द ही सब सामान्य हो जाएगा।

जनहित में लिया गया निर्णय

यह निर्णय भले ही कुछ लोगों के लिए असुविधाजनक हो, लेकिन यह चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के लिए जरूरी है। आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान किसी भी तरह से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न हो और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले।

अगर चुनाव के दौरान नए प्रमाणपत्र जारी किए जाते रहें तो इसे सत्ताधारी पक्ष द्वारा मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश माना जा सकता है। इसलिए इस तरह की सभी प्रक्रियाओं को अस्थायी रूप से रोकना एक सही और जिम्मेदार कदम है।

महामंडल ने नागरिकों से धैर्य रखने और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करने का अनुरोध किया है। चुनाव के बाद सभी लंबित आवेदनों पर तेजी से काम किया जाएगा और किसी को भी अनावश्यक परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।