नागपुर शहर में सोमवार को एक चौंकाने वाली कार्रवाई सामने आई जब मुंबई से पहुंची विजिलेंस (भ्रष्टाचार निरोधक विभाग) की टीम ने रेलवे के एक अधिकारी को ₹25,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई रेलवे कार्यालय के भीतर की गई, जिससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी अधिकारी ने एक ठेकेदार से काम के बिल को पास करने के बदले ₹25,000 की रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार ने इसकी शिकायत विजिलेंस कार्यालय मुंबई में दर्ज कराई थी, जिसके बाद टीम ने योजना बनाकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
शिकायत के बाद हुई योजना बनाकर छापेमारी
सूत्रों के अनुसार, शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस टीम ने नागपुर पहुंचकर आरोपी अधिकारी की निगरानी शुरू की। ठेकेदार से मिले सुराग और प्रमाणों के आधार पर टीम ने पूरे ऑपरेशन की रणनीति तैयार की।
सोमवार की सुबह जब अधिकारी ने ठेकेदार से पैसे लिए, उसी वक्त विजिलेंस के अधिकारियों ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। अधिकारी के हाथों से रिश्वत की रकम बरामद की गई और तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया।
रेलवे विभाग में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद रेलवे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ पहले भी अनुशासनहीनता की शिकायतें मिल चुकी थीं, लेकिन किसी ने खुलकर आगे आने की हिम्मत नहीं दिखाई।
विजिलेंस विभाग की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। आमतौर पर ऐसे मामलों में अधिकारी ऊंचे संपर्कों के कारण बच निकलते हैं, लेकिन इस बार विजिलेंस ने बिना किसी दबाव के कार्यवाही की।
जांच जारी, अन्य अधिकारियों की भूमिका भी खंगाली जा रही
विजिलेंस टीम ने आरोपी अधिकारी से पूछताछ शुरू कर दी है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस प्रकरण में अन्य कर्मचारी या अधिकारी भी शामिल थे। टीम ने उसके कार्यालय और घर की तलाशी भी ली है, जहां से कुछ दस्तावेज़ और नगद राशि बरामद की गई है।
विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक, यह मामला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं हो सकता। कई बार ऐसे मामलों में पूरा नेटवर्क शामिल होता है, जो ठेकेदारों से पैसे लेकर फाइलें आगे बढ़ाते हैं।
विजिलेंस अधिकारी का बयान
विजिलेंस टीम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“हमें शिकायत मिली थी कि रेलवे विभाग में एक अधिकारी नियमित रूप से रिश्वत लेकर ठेकेदारों का काम निपटाता है। प्रमाण जुटाने के बाद हमने जाल बिछाया और उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। आगे की जांच में अगर कोई अन्य व्यक्ति भी दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख दिखाने की तैयारी
महाराष्ट्र में हाल के दिनों में विजिलेंस की कार्रवाइयों में तेजी आई है। नागपुर में हुई यह गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि अब विभाग भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में ढिलाई बरतने को तैयार नहीं है।
राज्य सरकार ने भी हाल ही में विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं कि रिश्वतखोरी पर “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति अपनाई जाए। रेलवे जैसे केंद्रीय विभाग में हुई यह कार्रवाई आने वाले समय में अन्य अफसरों के लिए चेतावनी साबित हो सकती है।
आम जनता में राहत की भावना
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय नागरिकों और ठेकेदारों में राहत की भावना देखी जा रही है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर विजिलेंस टीम की सराहना की और कहा कि इस तरह की सख्त कार्रवाइयाँ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सकती हैं।
निष्कर्ष
नागपुर में हुई इस विजिलेंस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन अब सक्रिय मोड में है। रेलवे जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में रिश्वत का मामला सामने आना गंभीर है, लेकिन इस त्वरित कार्रवाई ने व्यवस्था में जनविश्वास बहाल किया है। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और खुलासे होने की संभावना है।