महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र का Dharashiv district इन दिनों बाढ़ और लगातार बारिश के कारण गंभीर संकट से जूझ रहा है। इस Dharashiv Flood Crisis में भारी वर्षा ने किसानों की लाखों हेक्टेयर फसलें बर्बाद कर दी हैं, पशुधन का नुकसान हुआ है और कई गाँव जलमग्न हो गए हैं। जहाँ एक ओर किसान सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो गया है जिसने प्रशासन की संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Collector का Dance Video Viral amid Dharashiv Flood Crisis
इस वायरल वीडियो में धाराशिव की District Collector Keerthi Pujar और उप जिलाधिकारी शोभा जाधव तुळजापुर में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के मंच पर डांस करते नज़र आ रहे हैं। यह वीडियो 24 सितंबर का बताया जा रहा है, ठीक उसी दिन जब ज़िले के कई हिस्सों में बाढ़ का संकट गहराया हुआ था।
वेब स्टोरी:
किसानों की बर्बादी और सरकारी योजनाएँ
मराठवाड़ा क्षेत्र, विशेषकर धाराशिव, बीड और सोलापुर जिलों में बारिश ने तबाही मचा रखी है। खेतों में खड़ी खरीफ की फसलें—सोयाबीन, बाजरा और कपास—पानी में डूब गई हैं। Namo Shetkari Yojana और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी सरकारी योजनाओं के बावजूद किसानों को तुरंत राहत नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति ठप है और हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
सोशल मीडिया पर आलोचना और गुस्सा
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर जमकर प्रतिक्रियाएँ आईं। ट्विटर (अब X), फेसबुक और व्हाट्सऐप ग्रुप्स में लोग कड़ी आलोचना कर रहे हैं। कई यूज़र्स का कहना है कि जब MG Motor India Price Cut जैसी ख़बरें तुरंत लोगों तक पहुँच जाती हैं, तब ज़रूरी है कि प्रशासन भी किसानों की मदद के लिए उतनी ही तत्परता दिखाए।
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अधिकारी पक्ष की चुप्पी और राजनीति में हलचल
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह कार्यक्रम पहले से तय था और नवरात्रि उत्सव का हिस्सा था। हालांकि अब तक न तो Collector Keerthi Pujar और न ही ज़िला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है। विपक्षी दलों ने इस घटना को “संवेदनशीलता की कमी” बताया और तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की।
संपादकीय दृष्टिकोण
वास्तव में यह मामला सिर्फ़ एक वायरल वीडियो का नहीं है। यह उस दृष्टिकोण और प्राथमिकता का सवाल है जो आपदा की स्थिति में प्रशासन को दिखानी चाहिए। किसानों की तबाही, फसलों का नुकसान और गाँवों का जलमग्न होना केवल आँकड़े नहीं हैं—यह हज़ारों परिवारों की रोज़ी-रोटी और जीवन का सवाल है। इस Dharashiv Flood Crisis में यदि अफसर राहत कार्यों पर पूरी तरह केंद्रित नज़र नहीं आते और सार्वजनिक मंचों पर डांस करते दिखाई देते हैं, तो यह प्रशासनिक संवेदनशीलता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।