आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का मणिपुर दौरा: जातीय तनाव और शताब्दी समारोह के बीच नई रणनीति

RSS Chief Manipur Visit
RSS Chief Manipur Visit: मणिपुर के जातीय तनाव और शताब्दी यात्रा में नई रणनीति (Photo: IANS)
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 20 से 22 नवंबर तक मणिपुर के दौरे पर रहेंगे। यह दौरा शताब्दी समारोह के तहत आयोजित है और जातीय हिंसा के बाद पहली यात्रा है। भागवत सामाजिक और संगठनिक रणनीति पर चर्चा करेंगे तथा जनजातीय प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों से मिलेंगे।
नवम्बर 19, 2025

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का मणिपुर दौरा: जातीय अशांति के बीच संगठनात्मक संवाद

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत 20 से 22 नवंबर तक मणिपुर के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। मई 2023 में उभरी जातीय हिंसा के बाद यह उनका पहला दौरा होगा, जिसने मणिपुर की सामाजिक संरचना और राजनीतिक हलचल को गहराई से प्रभावित किया। उनका यह दौरा न केवल संगठन के शताब्दी वर्ष के समारोह से जुड़ा है, बल्कि उत्तर-पूर्व में आरएसएस की गतिविधियों और सामाजिक पहुंच को मजबूत करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

प्रमुख संवाद: बुद्धिजीवियों, जनजातीय प्रतिनिधियों और युवाओं से मुलाकात

भागवत अपने कार्यक्रम के दौरान इंफाल में प्रमुख बुद्धिजीवियों, जनजातीय समुदाय के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, युवाओं और स्वयंसेवकों से संवाद करेंगे। यह बातचीत संगठनात्मक विस्तार, युवा प्रशिक्षण, सामाजिक समरसता, और सांस्कृतिक पहल को लेकर केंद्रित होगी।
इस संवाद में खास तौर पर उन सामाजिक चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी जो पिछले दो वर्षों में हिंसा के कारण गहराई से उभरी हैं।

शताब्दी समारोह के संदर्भ में आरएसएस की रणनीति

आरएसएस अपनी शताब्दी को देशभर में वैचारिक जागरूकता और संगठनिक विस्तार के रूप में देख रहा है। मणिपुर का यह दौरा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
योजना के अनुरूप, उत्तर-पूर्व में सांस्कृतिक कार्यक्रम, युवा प्रबोधन, कौशल विकास और सामाजिक कार्यों की व्यापक योजनाएँ लागू की जाएंगी।

जातीय हिंसा के बाद मणिपुर की स्थिति

मणिपुर 2023 से जातीय संघर्ष की गहरी चोट से गुजर रहा है। मैतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच तनाव ने राज्य की सामाजिक एकता को चुनौती दी है। आंकड़ों के अनुसार:

  • 260 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई

  • 1,500 से अधिक घायल

  • 70,000 से अधिक लोग बेघर होकर राहत शिविरों में रह रहे हैं

राहत शिविरों का मुद्दा: क्या भागवत करेंगे दौरा?

हालाँकि इस बात की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि मोहन भागवत हिंसा प्रभावित राहत शिविरों का दौरा करेंगे या नहीं, लेकिन उनकी मुलाकातों को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि पीड़ितों की स्थिति पर चर्चा उनका प्रमुख विषय रहेगा। यदि दौरा होता है, तो यह राहत कार्यों की दिशा और गति को प्रभावित कर सकता है।

राष्ट्रपति शासन और राजनीतिक परिवर्तन

मणिपुर वर्तमान में राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत है। मई 2023 की हिंसा के बाद उत्पन्न स्थिति और लंबी प्रशासनिक अस्थिरता के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया।
11 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य प्रशासन केंद्र के सीधे नियंत्रण में है। ऐसे समय में आरएसएस की सक्रियता राजनीतिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

उत्तर-पूर्व में आरएसएस की बढ़ती पकड़

पिछले दशक में आरएसएस ने उत्तर-पूर्व भारत में अपने संगठन को तेजी से मजबूत किया है। स्थानीय जनजातीय समुदायों, विद्यार्थी संगठनों और सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ सामंजस्य बढ़ाकर संगठन ने अपनी वैचारिक पहुंच को विस्तारित किया है।
भागवत की यात्रा इसी प्रक्रिया का हिस्सा है, जो वर्तमान परिस्थितियों में निर्णायक साबित हो सकती है।

गुवाहाटी यात्रा का महत्व

भागवत इससे पहले 17 से 20 नवंबर तक असम में चार दिवसीय दौरे पर थे। वहाँ उन्होंने बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, लेखकों, संपादकों और युवा उद्यमियों से मुलाकात की। इस यात्रा को उत्तर-पूर्व में संवाद और वैचारिक प्रसार का प्रमुख चरण माना जा रहा है।

यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।

Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.