पटियाला में शेयर बाजार के लालच का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें एक रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर से 5 करोड़ 23 लाख 88 हजार रुपए की ठगी हुई। यह मामला साइबर क्राइम की बढ़ती चुनौतियों को उजागर करता है, जहां धोखेबाज दोगुना मुनाफा देने का लालच दिखाकर बड़ी ठगी कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर अमरजीत सिंह, जो साल 2015 में सेवा से सेवानिवृत्त हुए, फुल्कियां एंक्लेव पटियाला के निवासी हैं। आरोपियों ने उन्हें व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया और एफटीएएम कंपनी के कर्मचारी होने का दावा कर शेयर मार्केटिंग में निवेश करने का झांसा दिया। शुरू में उन्हें वाट्सएप ग्रुप में शामिल किया गया, जिसमें मुनाफे के स्क्रीनशॉट साझा किए जा रहे थे।
अमरजीत सिंह ने ग्रुप में देखी गई जानकारी के आधार पर निवेश करने का निर्णय लिया और दोगुना मुनाफे के लालच में 15 से अधिक अलग-अलग बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कर दी। इसके बाद आरोपियों ने अपने फोन नंबर बंद कर दिए और न तो मुनाफा मिला और न ही मूलधन लौटा।
साल 2024 में अमरजीत सिंह ने साइबर क्राइम थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस की जांच में पता चला कि यह गिरोह पहले भी 150 से अधिक लोगों को निशाना बनाकर कुल 50 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है। साइबर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनसे कई महत्वपूर्ण सामग्री बरामद की। इसमें 18 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 80 बैंक खाते, 14 एटीएम कार्ड और 25 बैंक चेक बुक शामिल हैं।
इस गिरोह के सभी सदस्य आपस में दोस्त या रिश्तेदार हैं, जिसमें कुछ जीजा-साले भी शामिल थे। ये लोग फर्जी तरीके से बैंक खाते खोलते और उसमें पैसे ट्रांसफर करवाते थे। गिरोह ने फर्जी कंपनियों का निर्माण किया और उनके नाम पर चालू व बचत खाते खोलकर लोगों का पैसा निवेश करवाया। अमरजीत सिंह का पैसा भी इसी नेटवर्क के माध्यम से ट्रांसफर हुआ।
साइबर पुलिस ने पटियाला के तीन मामलों को हल करते हुए गिरोह के दस सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में रूपिंदर सिंह (शामभूनगर, शिकोहाबाद, फिरोजाबाद, यूपी), प्रियांशु जायसवाल (इंद्र नगर, लखनऊ), प्रकाश चंद (विद्या सागर, फरीदाबाद, हरियाणा) तीन दिन के रिमांड पर हैं। जबकि संदीप कुमार वर्मा (ग्राम गोबिंदपुरा, टांडा, अंबेडकर नगर), विकास (फरीदपुर कुतुब, टांडा, अंबेडकर नगर), सनबान (शेरवानी नगर, सीतापुर रोड, लखनऊ), अमन (शेरवानी नगर, सीतापुर रोड, लखनऊ), शेशनाथ (गोलगापारा, कादीपुर, सुल्तानपुर), परदीप कुमार यादव (जोगामाउ, गोरीगंज, अमेठी), नेपाल सिंह (गांव शाहपुर कलां, बुलंदशेर) को जेल भेजा जा चुका है।
साइबर क्राइम थाना की टीम, एएसआई बलजिंदर सिंह के नेतृत्व में, लगातार इस तरह के मामलों पर नजर रख रही है और आम जनता को सचेत रहने की सलाह दी जा रही है। पुलिस ने कहा कि किसी भी निवेश से पहले प्रमाणित और कानूनी तरीके की जांच आवश्यक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, शेयर बाजार में निवेश के दौरान लालच और जल्दबाजी के कारण लोग बड़े धोखाधड़ी का शिकार बनते हैं। इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया कि डिजिटल दुनिया में सतर्कता और साइबर सुरक्षा की जानकारी हर निवेशक के लिए आवश्यक है।
पटियाला के इस मामले में साइबर पुलिस की सक्रियता और गिरोह को पकड़ने की तेज़ कार्रवाई ने लोगों को राहत दी है। लेकिन यह घटना चेतावनी है कि निवेश करते समय हमेशा विश्वसनीय स्रोतों और पंजीकृत कंपनियों पर ही भरोसा करना चाहिए।