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करूर त्रासदी पर बोले मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन — “विजय सात घंटे देर से पहुंचे, भीड़ प्रबंधन में बड़ी चूक हुई”

Karur Stampede 2025: सीएम एमके स्टालिन ने कुप्रबंधन और भीड़भाड़ के लिए विजय और टीवीके को जिम्मेदार ठहराया
Karur Stampede 2025: सीएम एमके स्टालिन ने कुप्रबंधन और भीड़भाड़ के लिए विजय और टीवीके को जिम्मेदार ठहराया (File Photo)
अक्टूबर 15, 2025

तमिलनाडु की करूर त्रासदी पर सियासी तूफान — स्टालिन ने विजय और आयोजकों को ठहराया जिम्मेदार

तमिलनाडु की राजनीति उस समय हिल गई जब करूर जिले में अभिनेता से नेता बने विजय की रैली में भगदड़ मचने से 41 लोगों की जान चली गई। इस हादसे पर राज्य के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विधानसभा में बयान देते हुए कहा कि यह त्रासदी भीड़ प्रबंधन की गंभीर विफलता और आयोजकों की लापरवाही का परिणाम थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विजय लगभग सात घंटे देर से पहुंचे, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई और अफरातफरी मच गई। उन्होंने कहा, “करूर की घटना ने पूरे तमिलनाडु के ज़मीर को झकझोर दिया है। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। अब तक ₹4.87 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है।”


सरकार ने बनाई जांच समितियां, SOP तैयार होगा

स्टालिन ने बताया कि इस हादसे की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग और विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। साथ ही, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार नया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार कर रही है।

उन्होंने कहा, “भविष्य में किसी भी राजनीतिक या जनसभा आयोजन में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो, इसके लिए नियम सख्त किए जाएंगे।”


आयोजकों पर लापरवाही का आरोप

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि आयोजकों ने पुलिस की सलाह को नजरअंदाज किया। उन्होंने बताया कि जब भीड़ बढ़ने लगी थी, तब पुलिस ने विजय के काफिले को कुछ दूरी पर रोकने का अनुरोध किया था, लेकिन आयोजकों ने ऐसा नहीं किया।
परिणामस्वरूप, जब अभियान वाहन (कैम्पेन बस) भीड़ के बीच घुसा, तो भगदड़ मच गई और कई महिलाएं व बच्चे दम घुटने से गिर पड़े।

स्टालिन ने कहा कि आयोजकों ने पानी, भोजन और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी इंतजाम नहीं किया था, खासकर महिलाओं के लिए।
उन्होंने बताया कि कोई एंबुलेंस पहले से मौजूद नहीं थी, और हादसे के बाद पुलिस ने ही तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई।


टीवीके (TVK) कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप

स्टालिन ने विजय की पार्टी तमिलगा वेट्टरी कझगम (TVK) के कार्यकर्ताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि TVK के समर्थकों ने दो एंबुलेंस पर हमला किया, जिससे राहत और बचाव कार्य में देरी हुई। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने कहा कि घटना के बाद सरकारी अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग की टीमें तत्काल करूर पहुंचीं, और रातभर राहत कार्य चलाया गया। “पहले घायल व्यक्ति को शाम 7:47 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया,” स्टालिन ने बताया।


‘सात घंटे की देरी’ बनी हादसे की बड़ी वजह

स्टालिन ने बताया कि विजय की रैली 27 सितंबर को आयोजित की गई थी। आयोजकों ने प्रशासन से अनुमति लेते समय कार्यक्रम का समय 3 बजे से 10 बजे रात तक बताया था, लेकिन प्रेस वार्ता में यह घोषणा की गई कि विजय दोपहर 12 बजे आएंगे।

इस घोषणा के बाद हजारों लोग सुबह से ही स्थल पर इकट्ठा हो गए।
स्टालिन ने कहा, “वास्तव में विजय नमक्कल की सभा पूरी करने के बाद लगभग सात घंटे देर से पहुंचे, जिससे भारी भीड़ जमा हो गई और काफिले के पहुंचते ही भगदड़ मच गई।”

उन्होंने बताया कि उस दिन 606 पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात थे, जो सामान्य से अधिक संख्या थी, लेकिन आयोजन स्थल की क्षमता और भीड़ की तीव्रता को देखते हुए यह व्यवस्था अपर्याप्त साबित हुई।


सरकार की राहत और चिकित्सा व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 400 अतिरिक्त बेड और 152 स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया।
उन्होंने कहा कि सभी घायलों में से सिर्फ एक व्यक्ति अभी अस्पताल में भर्ती है, बाकी सभी को छुट्टी दे दी गई है।

चूंकि मृतकों की संख्या अधिक थी और शवगृह में पर्याप्त जगह नहीं थी, इसलिए जिला कलेक्टर से विशेष अनुमति लेकर पोस्टमॉर्टम कराया गया।
“24 डॉक्टरों की टीम ने रातभर में 39 पोस्टमॉर्टम पूरे किए,” स्टालिन ने बताया।


सीएम का बयान — “कोई भी नेता नहीं चाहता उसके कार्यकर्ता मरें”

मुख्यमंत्री स्टालिन ने भावुक होते हुए कहा, “मैं पिछले 50 वर्षों से राजनीति में हूँ। मैंने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी जनसभा नियमों के अनुसार आयोजित हो। कोई भी नेता यह नहीं चाहेगा कि उसके कार्यकर्ता या समर्थक जान गंवाएं। जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में अदालत के अंतिम आदेश का पालन करेगी, फिलहाल CBI जांच के लिए मामला अंतरिम रूप से स्थानांतरित किया गया है।

करूर की यह दर्दनाक घटना तमिलनाडु की राजनीति के लिए चेतावनी है — लोकप्रियता और भीड़ जुटाने की राजनीति तब खतरनाक हो जाती है जब सुरक्षा नियमों की अनदेखी की जाए।
जहां विजय के प्रशंसकों के लिए यह एक भावनात्मक त्रासदी है, वहीं सरकार के लिए यह भीड़ प्रबंधन की एक सख्त सीख।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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