गोरखपुर शहर में आवास की बढ़ती मांग को देखते हुए गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने एक बड़ा कदम उठाया है। नया गोरखपुर क्षेत्र में गुरुकुल सिटी नाम से एक विशाल आवासीय परियोजना शुरू की जा रही है। यह योजना उन मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी जो शहर में महंगे प्लॉट की कीमतों से परेशान हैं। इस नई टाउनशिप में भूखंड अपेक्षाकृत कम दरों पर उपलब्ध होंगे।
जीडीए द्वारा तैयार किए गए लेआउट के अनुसार गुरुकुल सिटी में प्लॉट की कीमत 25000 से 30000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के बीच रखी गई है। यदि हम इसे वर्ग फीट में देखें तो यह लगभग 2000 से 3000 रुपये प्रति वर्ग फीट होगी। शहर के अन्य इलाकों की तुलना में यह दर काफी किफायती है। इससे आम लोगों को अपना घर बनाने का सपना पूरा करने में आसानी होगी।
400 एकड़ में फैलेगी विशाल टाउनशिप
गुरुकुल सिटी परियोजना के लिए मानीराम, बालापार और रहमतनगर क्षेत्र में 400 एकड़ से अधिक भूमि चिन्हित की गई है। यह विशाल क्षेत्र एक पूर्ण रूप से सुनियोजित शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। जीडीए ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है और अब तक लगभग 200 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री का काम पूरा हो चुका है।
कुशीनगर रोड के आसपास के तीन गांवों में अनिवार्य भूमि अर्जन की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। शेष 400 एकड़ भूमि के लिए धारा 11 के तहत प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इसके लिए बोर्ड से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। विकास प्राधिकरण का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द सभी औपचारिकताएं पूरी करके इस महत्वाकांक्षी परियोजना को धरातल पर उतारा जाए।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी टाउनशिप
गुरुकुल सिटी को केवल एक सामान्य आवासीय क्षेत्र के रूप में नहीं बल्कि एक पूर्ण टाउनशिप के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना में आधुनिक युग की सभी जरूरतों को ध्यान में रखा गया है। यहां निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भी जगह आवंटित की गई है जिससे शिक्षा के क्षेत्र में विकास होगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था
परियोजना में शिक्षण संस्थानों के लिए पर्याप्त स्थान रखा गया है। इससे क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी प्रावधान किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करेगा कि निवासियों को बुनियादी सेवाओं के लिए शहर पर निर्भर न रहना पड़े।
हरित क्षेत्र और पर्यावरण
गुरुकुल सिटी की योजना में पर्यावरण को विशेष महत्व दिया गया है। यहां पर्याप्त हरित क्षेत्र विकसित किए जाएंगे जिससे प्रदूषण मुक्त वातावरण बना रहेगा। पार्क, उद्यान और खुले स्थान निवासियों को स्वस्थ जीवन शैली प्रदान करेंगे। इसके अलावा रिजॉर्ट और सामुदायिक सुविधाओं के लिए भी विशेष क्षेत्र निर्धारित किया गया है।
चिलुआताल का पर्यटन विकास
परियोजना की एक विशेष बात यह है कि चिलुआताल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की योजना बनाई गई है। यह प्राकृतिक जल स्रोत इस क्षेत्र की सुंदरता में चार चांद लगाएगा। पर्यटन विकास से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि पूरा क्षेत्र एक आकर्षक गंतव्य के रूप में उभरेगा।
हाईवे से जुड़ाव का फायदा
गुरुकुल सिटी की सबसे बड़ी खासियत इसकी स्थिति है। यह परियोजना गोरखपुर-सोनौली हाईवे पर स्थित है जो इसे उत्कृष्ट कनेक्टिविटी प्रदान करती है। हाईवे से जुड़े होने के कारण यहां से शहर के मुख्य भागों तक पहुंचना आसान होगा। साथ ही नेपाल सीमा की निकटता भी इस क्षेत्र को व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है।
आसपास के विकास कार्य
इस क्षेत्र में पहले से ही कई महत्वपूर्ण संस्थान और परियोजनाएं मौजूद हैं। ओमेक्स की निजी टाउनशिप इसी इलाके में बनी है जो पहले से ही लोगों को आकर्षित कर रही है। उत्तर प्रदेश एसएसएफ की दूसरी बटालियन भी यहां स्थापित है जिससे सुरक्षा की दृष्टि से भी यह क्षेत्र मजबूत है।
गोरखनाथ विश्वविद्यालय इस इलाके में शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। इसके अलावा प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय भी यहीं स्थापित किया गया है। ये सभी विकास कार्य इस बात का संकेत देते हैं कि यह क्षेत्र तेजी से प्रगति के पथ पर है।
निवेश की बेहतरीन संभावनाएं
गुरुकुल सिटी केवल आवासीय जरूरतों को पूरा करने वाली परियोजना नहीं है बल्कि यह निवेश के लिहाज से भी एक शानदार अवसर है। हाईवे के किनारे स्थित होने और आसपास के तेज विकास को देखते हुए यहां की जमीन की कीमतों में भविष्य में अच्छी वृद्धि की संभावना है।
व्यापारिक अवसर
नई टाउनशिप के विकास से व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। दुकानें, बाजार, रेस्तरां और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुलने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह क्षेत्र धीरे-धीरे एक आत्मनिर्भर इकाई के रूप में विकसित होगा जहां सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
जीडीए का दृष्टिकोण
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने इस परियोजना को नया गोरखपुर की प्रमुख योजना बताया है। उनके अनुसार यह परियोजना लोगों के आवासीय सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्लॉट की कीमतें पहले ही तय कर ली गई हैं और इसी आधार पर योजना को जल्द लॉन्च किया जाएगा।
जल्द शुरू होगा विकास कार्य
बोर्ड से आवश्यक मंजूरी मिल चुकी है और अब विकास कार्य शुरू करने की तैयारी चल रही है। जीडीए का उद्देश्य है कि इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए ताकि लोगों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके। पारदर्शिता और गुणवत्ता इस योजना के मुख्य आधार होंगे।
मध्यम वर्ग के लिए राहत
गोरखपुर जैसे शहरों में जहां जमीन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, वहां यह परियोजना मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए वरदान साबित होगी। किफायती दरों पर अच्छी सुविधाओं वाले प्लॉट मिलना एक दुर्लभ अवसर है। यह योजना उन लोगों को भी घर का मालिक बनने का मौका देगी जो अब तक उच्च कीमतों के कारण यह सपना पूरा नहीं कर पा रहे थे।
सुनियोजित विकास का लाभ
पारंपरिक कॉलोनियों की तुलना में सुनियोजित टाउनशिप में रहने के कई फायदे हैं। यहां सड़कें, बिजली, पानी, सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाएं पहले से व्यवस्थित होती हैं। गुरुकुल सिटी में भी इन सभी बातों का ध्यान रखा जा रहा है ताकि निवासियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा गुरुकुल सिटी परियोजना एक सराहनीय पहल है जो शहर के विकास में नया अध्याय जोड़ेगी। किफायती दरों पर आवासीय प्लॉट, आधुनिक सुविधाएं और हाईवे से बेहतरीन कनेक्टिविटी इसे एक आदर्श विकल्प बनाती है। यह परियोजना न केवल आवास की समस्या का समाधान करेगी बल्कि पूरे क्षेत्र को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में भी योगदान देगी। जैसे-जैसे यह योजना आकार लेगी, गोरखपुर का यह पश्चिमोत्तर क्षेत्र एक नए युग में प्रवेश करेगा।