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बीएलओ सुरक्षा समिति ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सामने किया जोरदार प्रदर्शन

BLO Protection Protest: मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन, एसआईआर समय विस्तार की मांग
BLO Protection Protest: मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन, एसआईआर समय विस्तार की मांग (File Photo)
पश्चिम बंगाल में बीएलओ सुरक्षा समिति ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने एसआईआर की समय सीमा बढ़ाने की मांग की और आरोप लगाया कि अन्य राज्यों में समय विस्तार किया गया लेकिन बंगाल में नहीं। मुख्य चुनाव आयुक्त की तस्वीर में आग लगाकर विरोध जताया गया। पुलिस ने बैरिकेट लगाकर कार्यालय की सुरक्षा की।
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पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के सामने बीएलओ सुरक्षा समिति ने जोरदार प्रदर्शन किया। समिति के सदस्यों ने कार्यालय तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बैरिकेट लगाकर उन्हें रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेट के सामने सड़क पर बैठकर धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त और मुख्य निर्वाचन अधिकारी की तस्वीरों में आग लगाकर नाराजगी जताई गई।

बीएलओ सुरक्षा समिति के प्रदर्शन का मुख्य कारण एसआईआर की समय सीमा को लेकर है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अन्य राज्यों में एसआईआर की समय सीमा बढ़ाई गई है, लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं किया गया। इस भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ समिति ने आवाज उठाई और कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सामने सुरक्षा को लेकर पुलिस ने पहले से ही तैयारी कर ली थी। अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया था। दफ्तर के मुख्य गेट पर मजबूत बैरिकेट लगाए गए ताकि प्रदर्शनकारी अंदर प्रवेश न कर सकें। पुलिस की भारी तैनाती के बावजूद बीएलओ सुरक्षा समिति के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेट के सामने सड़क पर बैठकर नारेबाजी शुरू की। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर जोरदार विरोध जताया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई बार तनाव की स्थिति भी बनी, लेकिन कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई। पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किए।

मुख्य चुनाव आयुक्त की तस्वीर में आग

प्रदर्शन के दौरान सबसे चौंकाने वाली घटना तब हुई जब प्रदर्शनकारियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त और मुख्य निर्वाचन अधिकारी की तस्वीरों में आग लगा दी। यह कार्रवाई उनकी गहरी नाराजगी को दर्शाती है। समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं और उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

तस्वीरों में आग लगाने के दौरान प्रदर्शनकारी नारे लगाते रहे। उन्होंने चुनाव आयोग की नीतियों को अन्यायपूर्ण बताया और समान व्यवहार की मांग की। इस घटना के बाद मौके पर तनाव बढ़ गया और पुलिस को सतर्क रहना पड़ा।

एसआईआर समय विस्तार की मांग

बीएलओ सुरक्षा समिति की मुख्य मांग एसआईआर की समय सीमा बढ़ाने को लेकर है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश के कई अन्य राज्यों में एसआईआर की समय सीमा बढ़ाई गई है, लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं किया गया। यह भेदभाव है और राज्य के चुनावी कर्मचारियों के साथ अन्याय है।

समिति के प्रवक्ता ने कहा कि एसआईआर का काम बहुत जटिल और समय लेने वाला है। निर्धारित समय सीमा में इसे पूरा करना बहुत मुश्किल है। अगर अन्य राज्यों में समय बढ़ाया जा सकता है तो पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए और सभी राज्यों के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए।

बीएलओ कर्मचारियों की परेशानियां

बूथ लेवल ऑफिसर यानी बीएलओ चुनावी प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे मतदाता सूची को अपडेट करने, नए मतदाताओं को जोड़ने और गलत नामों को हटाने का काम करते हैं। एसआईआर यानी सारांश पुनरीक्षण प्रक्रिया में उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

बीएलओ सुरक्षा समिति का कहना है कि इन कर्मचारियों पर पहले से ही बहुत काम का बोझ है। कम समय में अधिक काम पूरा करने का दबाव उनके स्वास्थ्य और कार्यक्षमता दोनों पर बुरा असर डालता है। समिति ने मांग की है कि बीएलओ कर्मचारियों की कार्य परिस्थितियों में सुधार किया जाए और उन्हें पर्याप्त समय और संसाधन दिए जाएं।

अन्य राज्यों में एसआईआर समय विस्तार

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि देश के कई राज्यों में चुनाव आयोग ने एसआईआर की समय सीमा बढ़ाई है। यह निर्णय वहां के चुनावी कर्मचारियों की मांग और कार्यभार को देखते हुए लिया गया था। लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिससे यहां के बीएलओ कर्मचारी परेशान हैं।

समिति ने सवाल उठाया कि अगर अन्य राज्यों में समय विस्तार संभव है तो पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं? क्या यहां के कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है? इन सवालों के जवाब की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक उनकी बात नहीं सुनी जाएगी, वे अपना विरोध जारी रखेंगे।

समिति की अन्य मांगें

एसआईआर समय विस्तार के अलावा बीएलओ सुरक्षा समिति ने कई अन्य मांगें भी रखी हैं। उनमें बीएलओ कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी, बेहतर कार्य परिस्थितियां, और नौकरी की सुरक्षा शामिल हैं। समिति का कहना है कि बीएलओ अस्थायी कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि चुनावी प्रक्रिया के स्थायी और जरूरी हिस्से हैं।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की है कि उनके काम को सम्मान दिया जाए और उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बीएलओ कर्मचारियों के साथ बैठक करनी चाहिए और उनकी बात सुननी चाहिए।

प्रशासन की चुप्पी

प्रदर्शन के बावजूद मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। न ही किसी अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों से मिलने की पहल की है। यह चुप्पी बीएलओ सुरक्षा समिति को और अधिक नाराज कर रही है।

समिति के सदस्यों ने कहा कि अगर प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देता है तो वे अपना विरोध और तेज करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में प्रदर्शन का दायरा और बढ़ाया जाएगा।

आगे की रणनीति

बीएलओ सुरक्षा समिति ने स्पष्ट किया है कि यह प्रदर्शन सिर्फ शुरुआत है। अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे राज्यभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे। समिति ने अन्य चुनावी कर्मचारी संगठनों से भी समर्थन मांगा है और एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया है।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि वे कानूनी रास्ता भी अपनाएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे। उनका कहना है कि उनकी मांगें न्यायसंगत हैं और उन्हें पूरा किया जाना चाहिए।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।