पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कांग्रेस सेवा दल ने एक अनोखी पहल करते हुए बड़े दिन के मौके पर बच्चों के बीच शिक्षा का उजाला फैलाने का काम किया है। मुक्तधारा प्रकल्प के अंतर्गत आयोजित इस खास कार्यक्रम में सांता क्लॉज़ के रूप में सजे कार्यकर्ताओं ने छोटे-छोटे बच्चों को किताबें और शिक्षा सामग्री बांटी। यह कार्यक्रम लेडी डफरिन अस्पताल के सामने आयोजित किया गया, जहां बड़ी संख्या में बच्चे और उनके अभिभावक मौजूद थे।
कांग्रेस सेवा दल का यह प्रयास केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बचाने और सुधारने की दिशा में एक ठोस कदम था। संगठन का मानना है कि बंगाल की शिक्षा व्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है और इसे बचाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है।
शिक्षा बचाने की मुहिम क्यों जरूरी
पश्चिम बंगाल में शिक्षा की स्थिति लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, शिक्षकों की संख्या में कमी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव आम समस्याएं हैं। कांग्रेस सेवा दल ने इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मुक्तधारा प्रकल्प की शुरुआत की है।
राज्य आई.एन.टी.यू.सी सेवादल के सभापति प्रमोद पांडे ने कहा कि बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को बर्बादी के कगार से बचाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने का अधिकार है, लेकिन आज राज्य में लाखों बच्चे बुनियादी शिक्षा सामग्री से भी वंचित हैं। इसी खाई को पाटने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है।
बड़े दिन पर खास कार्यक्रम
बड़े दिन यानी क्रिसमस के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में सांता क्लॉज़ का रूप धारण करके सेवादल के कार्यकर्ताओं ने बच्चों को उपहार स्वरूप किताबें दीं। इसके साथ ही कॉपी, पेन, पेंसिल, रबर और अन्य शिक्षा सामग्री भी वितरित की गई। बच्चों के चेहरे पर खुशी देखते ही बनती थी।
लेडी डफरिन अस्पताल के सामने लगे इस कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चे पहुंचे। सांता क्लॉज़ के रूप में सजे कार्यकर्ताओं को देखकर बच्चे बेहद उत्साहित थे। उन्होंने न केवल किताबें बांटीं बल्कि बच्चों को पढ़ाई के महत्व के बारे में भी बताया।
मुक्तधारा प्रकल्प का उद्देश्य
मुक्तधारा प्रकल्प के तहत कांग्रेस सेवा दल का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाना है। विशेष रूप से उन बच्चों तक जो आर्थिक तंगी के कारण किताबें और शिक्षा सामग्री नहीं खरीद पाते। यह प्रकल्प केवल किताब वितरण तक सीमित नहीं है बल्कि भविष्य में इसके तहत ट्यूशन कक्षाएं, शिक्षा मार्गदर्शन और छात्रवृत्ति की व्यवस्था भी की जाएगी।
सहसभापति शंकर हाजरा ने बताया कि यह कार्यक्रम पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा। जल्द ही अन्य जिलों में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की नींव होती है और अगर नींव कमजोर होगी तो पूरा समाज कमजोर हो जाएगा।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
कांग्रेस सेवा दल ने राज्य सरकार की शिक्षा नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं। संगठन का कहना है कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर नहीं है। स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती नहीं हो रही है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके अलावा कई स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं।
प्रमोद पांडे ने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षा पर अधिक बजट देना चाहिए और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार नहीं करेगी तो हम जनता के साथ मिलकर शिक्षा को बचाने का काम करेंगे।
अभिभावकों और बच्चों की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में शामिल अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की। एक अभिभावक ने कहा कि किताबें महंगी होती जा रही हैं और हर बार नई किताबें खरीदना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह पहल बहुत मददगार साबित होगी।
वहीं बच्चों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें सांता क्लॉज़ से किताबें मिलना बहुत अच्छा लगा। एक बच्चे ने कहा कि वह इन किताबों को पढ़ेगा और अच्छे नंबर लाएगा।
राजनीतिक संदेश भी
इस कार्यक्रम के जरिए कांग्रेस ने राजनीतिक संदेश भी दिया है। पार्टी का कहना है कि वह जनता की सेवा में विश्वास रखती है और शिक्षा जैसे मुद्दों पर जमीनी काम करना उसकी प्राथमिकता है। आगामी चुनावों को देखते हुए यह कदम कांग्रेस की रणनीति का भी हिस्सा माना जा रहा है।
हालांकि, सेवादल के पदाधिकारियों ने साफ किया कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक सामाजिक पहल है। उनका उद्देश्य केवल और केवल बच्चों की शिक्षा में सुधार लाना है।
आगे की योजना
कांग्रेस सेवा दल ने आगे और भी कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। जनवरी महीने में स्कूली बच्चों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। साथ ही गरीब बच्चों के लिए यूनिफॉर्म और जूते वितरण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा।
संगठन का कहना है कि शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए केवल सरकार पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। समाज के हर वर्ग को इसमें अपनी भागीदारी निभानी होगी। कांग्रेस सेवा दल इस दिशा में लगातार काम कर रहा है और आगे भी करता रहेगा।
बंगाल में शिक्षा को लेकर बहस तेज है। ऐसे में कांग्रेस सेवा दल की यह पहल एक सकारात्मक संदेश देती है कि शिक्षा को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।