करवा चौथ 2025: उत्तर प्रदेश में चांद कब निकलेगा
करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्व रखता है। यह दिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखा जाता है। महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का पारण करती हैं।
चांद का निकलना यानी चंद्रोदय, करवा चौथ के व्रत में सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। महिलाएं छलनी या चन्नी से चंद्रमा को देखकर अपने पति के मुख का दर्शन कर व्रत खोलती हैं।
हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ मनाया जाता है। इस दिन शाम के समय से महिलाएं चांद के निकलने का बेसब्री से इंतजार करती हैं। भारत के अलग-अलग शहरों में चंद्रोदय का समय भिन्न होता है।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में चांद निकलने का समय (2025)
शहर | चांद निकलने का समय |
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प्रयागराज | रात 8:14 बजे |
अलीगढ़ | रात 8:22 बजे |
लखनऊ | रात 8:14 बजे |
आगरा | रात 8:35 बजे |
कानपुर | रात 8:17 बजे |
मथुरा | रात 8:35 बजे |
गोरखपुर | रात 8:03 बजे |
देवरिया | रात 8:02 बजे |
मेरठ | रात 8:21 बजे |
बनारस | रात 8:09 बजे |
अयोध्या | रात 8:08 बजे |
इटावा | रात 8:21 बजे |
सीतापुर | रात 8:12 बजे |
बरेली | रात 8:16 बजे |
रायबरेली | रात 8:14 बजे |
मुरादाबाद | रात 8:17 बजे |
पीलीभीत | रात 8:13 बजे |
मुजफ्फरनगर | रात 8:19 बजे |
सहारनपुर | रात 8:20 बजे |
रामपुर | रात 8:16 बजे |
झांसी | रात 8:27 बजे |
हरदोई | रात 8:15 बजे |
अमरोहा | रात 8:18 बजे |
चंद्रमा का महत्व
करवा चौथ पर चांद का दर्शन व्रती महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा के दर्शन के समय व्रत खोलने से पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
नियमित पूजा के साथ-साथ सावधानी और शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक होता है। चांद निकलने के समय के आधार पर ही महिलाएं व्रत का पारण करती हैं।
व्रत रखने की प्रक्रिया
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सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत प्रारंभ करें।
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दिनभर निर्जला व्रत रखें।
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शाम को पूजा और थाली सजाएं, जिसमें दीपक और फल हों।
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चंद्रमा के दर्शन के बाद छलनी से देखें और अपने पति की तस्वीर या मुख देखकर व्रत खोलें।
इस प्रकार, करवा चौथ का व्रत न केवल धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि यह भारतीय परंपरा और सुहागिन महिलाओं की भक्ति एवं विश्वास का प्रतीक भी है।