अबूझमाड़ से महाराष्ट्र सीमा तक राष्ट्रीय राजमार्ग का महत्व
रायपुर। बस्तर अंचल, जो अपने घने जंगलों और नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के लिए जाना जाता है, अब विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। अबूझमाड़ के कुतुल से महाराष्ट्र सीमा स्थित नीलांगुर तक निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी (NH-130-D) न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय जनता के जीवन स्तर में सुधार लाने में भी सहायक होगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने इस परियोजना को नक्सली आतंक के अंधकार में विकास का नया उजाला बताया है।
इस राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 195 किलोमीटर है, जिसमें से लगभग 122 किलोमीटर छत्तीसगढ़ के भीतर कोंडागांव, नारायणपुर और कुतुल होते हुए नीलांगुर तक फैला हुआ है। वर्तमान में कोंडागांव से नारायणपुर तक लगभग 50 किलोमीटर हिस्सा निर्माणाधीन है, जबकि नारायणपुर से कुतुल की दूरी भी 50 किलोमीटर है और कुतुल से नीलांगुर तक 21.5 किलोमीटर का मार्ग बन रहा है।
विकास की दिशा में एक मील का पत्थर
प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि इस राजमार्ग के निर्माण से बस्तर अंचल को महाराष्ट्र से सीधा और मजबूत सड़क संपर्क मिलेगा। इससे न केवल व्यापारिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, बल्कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं तक स्थानीय लोगों की पहुंच भी सुगम होगी।
उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव का इस परियोजना में योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। ठाकुर ने कहा कि यह मार्ग नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित और सुगम यातायात सुनिश्चित करेगा, जिससे विकास की गति और तेज होगी।
परियोजना की लागत और तकनीकी विशेषताएं
राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी की कुल लागत लगभग 152 करोड़ रुपये है। इस मार्ग का निर्माण आधुनिक तकनीकों और उच्च गुणवत्ता वाले सामग्री के साथ किया जा रहा है, जिससे इसे दीर्घकालिक टिकाऊ बनाया जा सके। मार्ग के निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा गया है, क्योंकि यह क्षेत्र नक्सली गतिविधियों से प्रभावित रहा है।
इस परियोजना के पूर्ण होने पर बस्तर अंचल के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में यातायात का मार्ग आसान होगा। वर्तमान में लोग लंबी दूरी तय करने के लिए कठिन और असुरक्षित रास्तों का उपयोग करते हैं। इस राजमार्ग से उनके समय और परिवहन लागत में महत्वपूर्ण कमी आएगी।
सामाजिक और आर्थिक लाभ
इस राजमार्ग के निर्माण से स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। निर्माण कार्य में स्थानीय मजदूरों और श्रमिकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सड़क निर्माण के बाद पर्यटन और वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना है।
सुरक्षित और सुगम सड़क के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं, आपातकालीन सुविधाओं और शिक्षा केंद्रों तक पहुंच बढ़ेगी, जो आदिवासी और ग्रामीण आबादी के लिए जीवन स्तर सुधार का अवसर प्रदान करेगा।
बस्तर विकास में नई उम्मीद
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि नेशनल हाईवे 130-डी बस्तर अंचल के लिए विकास और समृद्धि का प्रतीक बनेगा। यह न केवल छत्तीसगढ़ को महाराष्ट्र से जोड़ने का माध्यम बनेगा, बल्कि नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी विकास का मार्ग भी सुनिश्चित करेगा।