बीजापुर में नक्सली हिंसा का नया मामला
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम ने एक बार फिर निर्दोष नागरिकों की जान को खतरे में डाल दिया है। गुरुवार की शाम पीड़िया गांव के पास यह दर्दनाक घटना हुई, जिसमें एक आदिवासी बालक गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों ने तत्काल घटना की जानकारी मिलते ही प्राथमिक उपचार सुनिश्चित किया और घायल बालक को जिला अस्पताल पहुँचाया। बाद में उसे बेहतर चिकित्सा के लिए बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया।
घटना का विवरण
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, घटना गंगालूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई। बालक प्रेशर बम की चपेट में आया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। घायल बालक का इलाज जारी है और चिकित्सकों ने उसकी स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि यह घटना न केवल बालक के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए भय और आक्रोश का कारण बनी।
सुरक्षाबलों की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जिला पुलिस ने तुरंत आसपास के क्षेत्रों में खोजी अभियान शुरू किया। उनका उद्देश्य था कि क्षेत्र को सुरक्षित किया जा सके और भविष्य में ऐसे हमलों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। अधिकारियों ने कहा कि नक्सलियों के द्वारा इस प्रकार के विस्फोट ग्रामीणों के लिए लगातार खतरा बन गए हैं, और सुरक्षा के दृष्टिकोण से लगातार सतर्क रहना आवश्यक है।
स्थानीय आदिवासी समाज में आक्रोश
इस घटना ने स्थानीय आदिवासी समाज में गहरा आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। लोगों का कहना है कि निर्दोष ग्रामीणों को बार-बार निशाना बनाना न केवल अमानवीय है, बल्कि यह क्षेत्र में विकास और सामाजिक स्थिरता को भी प्रभावित करता है। ग्रामीणों ने नक्सलियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।
नक्सली हिंसा और जनहानि का इतिहास
बीजापुर जिले के अंदरूनी इलाकों में पिछले कुछ महीनों में माओवादियों द्वारा बारूदी सुरंग विस्फोटों की कई घटनाएँ हुई हैं, जिनमें जनहानि हुई है। अधिकारियों का कहना है कि नक्सल हिंसा केवल सुरक्षा बलों को ही नहीं बल्कि सामान्य नागरिकों और बच्चों के जीवन को भी प्रभावित कर रही है। यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के बीच संतुलन बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके में पैनी निगरानी और गश्त बढ़ा दी है। उन्होंने स्थानीय समुदाय को भी सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना देने की सलाह दी है। प्रशासन का कहना है कि भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए न केवल सुरक्षा उपायों को कड़ा किया जाएगा, बल्कि सामाजिक जागरूकता और विकास परियोजनाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा।