मुंबई ने मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) सुबह धुंध और धुएँ की चादर में उठकर एक भयावह दृश्य प्रस्तुत किया। दिवाली के उत्सव में व्यापक पैमाने पर पटाखों के प्रयोग के बाद शहर की वायु गुणवत्ता (Air Quality Index – AQI) में अचानक गिरावट आई। मेट्रोपोलिस के कई क्षेत्रों में AQI ‘अस्वास्थ्यकर’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जिससे नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी चिंता बढ़ गई।
दिवाली के बाद वायु प्रदूषण का आक्रमण
शहर के कई वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। बंध्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में AQI 261 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। बाबासाहेब आंबेडकर नगर में यह स्तर 213 था, जबकि अंधेरी ईस्ट के चकला क्षेत्र में AQI 194 था।
आवासीय क्षेत्रों में भी बढ़ा प्रदूषण
केवल व्यावसायिक क्षेत्र ही नहीं, बल्कि बोरीवली वेस्ट और भोईवाड़ा जैसे आवासीय क्षेत्र भी इससे अछूते नहीं रहे। यहां AQI क्रमशः 188 और 191 दर्ज किया गया, यह दर्शाता है कि प्रदूषण पूरे शहर में फैला हुआ है।
PM2.5 और PM10 का स्तर चिंताजनक
IQAir और AQI.in के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह मुंबई का औसत AQI 174 रहा, जो सामान्य नागरिकों के लिए ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में आता है। PM2.5 का स्तर 89 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो WHO के सुरक्षित स्तर 15 µg/m³ के लगभग छह गुना अधिक है। PM10 का स्तर भी 132 µg/m³ था, जिससे हवा में घुली कणों की घनता बढ़ गई।
AQI के स्तर और श्रेणियाँ
विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक (World Air Quality Index Project) के अनुसार, AQI को छह श्रेणियों में बांटा गया है। 0-50 ‘सुविधाजनक’, 51-100 ‘मध्यम’, 101-150 ‘संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर’, 151-200 ‘सामान्य जनता के लिए अस्वास्थ्यकर’, 201-300 ‘बहुत अस्वास्थ्यकर’ और 301 से ऊपर ‘हानिकारक’ मानी जाती है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के पटाखों के व्यापक उपयोग के कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही मौसमी परिस्थितियाँ जैसे कम हवा की गति, तापमान में उल्टा स्तर (Temperature Inversion) और उच्च आर्द्रता ने प्रदूषकों को जमीन के पास फंसाया, जिससे उनका विघटन नहीं हो पाया।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं की चेतावनी
आवाज फाउंडेशन की सुमैरा अब्दुलाली ने कहा, “बारिश दिवाली से पहले तक जारी रही थी, इसलिए साफ हवा और पटाखों के कारण उत्पन्न प्रदूषण का अंतर पहले से अधिक स्पष्ट है। AQI केवल बिगड़ता ही नहीं है, बल्कि हमने वर्षों तक अध्ययन किया है कि इस दौरान हवा में क्या तत्व मौजूद होते हैं। ये प्रदूषक मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। यह साफ़ करता है कि लोगों को पटाखे नहीं जलाने चाहिए।”
स्वास्थ्य सलाह और सुरक्षा
IQAir और AQI.in जैसी प्लेटफार्मों द्वारा जारी स्वास्थ्य सलाह के अनुसार, नागरिकों को सुबह और शाम के समय में बाहरी गतिविधियों से परहेज़ करने की सलाह दी गई है। घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का प्रयोग और बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनना विशेष रूप से आवश्यक है। सांस संबंधी या हृदय रोग वाले व्यक्ति अपने लक्षणों पर निगरानी रखें और प्रदूषण बढ़ने के समय बाहरी गतिविधियों को सीमित करें।
मुंबई में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण का यह मौसमी संकट वर्षों से जारी है। यदि पटाखों के उपयोग और शहरी नियोजन पर सख्त नियंत्रण नहीं किया गया, तो भविष्य में भी शहर को इसी प्रकार की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।