नागपुर का भोसला पैलेस: गणेशोत्सव में आस्था, परंपरा और इतिहास का अद्भुत संगम
नागपुर – Nagpur Bhonsla Palace Ganeshotsav News: भोसला पैलेस का वातावरण आज एक बार फिर इतिहास और आस्था के रंगों से सराबोर हो उठा। लगभग 297 वर्षों से अपरिवर्तित परंपरा के अनुरूप इस वर्ष भी भगवान गणेश का आगमन और विसर्जन हुआ।
गणेशजी सिरपेजतुरा पगड़ी से सुसज्जित होकर पालकी में पधारे और पालकी में ही विदा हुए। यह दृश्य केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि नागपुर की उस जीवंत विरासत का प्रतीक है जो पीढ़ियों से यहां के समाज और संस्कृति को जोड़ती आई है।
परंपरा और भावनाओं का संगम | Nagpur Bhonsla Palace Ganeshotsav News
जब गणेशजी की विदाई का समय आया, तो श्रद्धालुओं के हृदय भावुक हो उठे। आंखें नम थीं, लेकिन उसी क्षण गूंज उठी मंगल ध्वनि –
“गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आना।”
Nagpur Bhonsla Palace Ganeshotsav News: यह स्वर केवल विदाई नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास का वादा है कि बप्पा फिर लौटेंगे और इसी तरह नागपुरकरों के जीवन को ऊर्जा और आनंद से भर देंगे।
संपादकीय दृष्टिकोण
भोसला पैलेस का यह आयोजन न सिर्फ एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि नागपुर की संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर का प्रमाण भी है। ऐसे उत्सव हमें यह एहसास कराते हैं कि विरासत केवल इमारतों या वस्तुओं में नहीं, बल्कि भावनाओं और परंपराओं में भी जीवित रहती है।