भारत में डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई कहानी लिखी जा रही है। विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के वर्चस्व के बीच, Zoho Corporation का मैसेजिंग ऐप ‘अरट्टै’ (Arattai) अब भारत के ऐप स्टोर्स पर शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। चार साल पहले लॉन्च हुआ यह ऐप अब तक लगभग एक करोड़ डाउनलोड्स का आंकड़ा पार कर चुका है — और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ आह्वान का भी अप्रत्यक्ष असर देखा जा रहा है।
End to end encryption keeps that data on the device only (no cloud storage, unless a backup is specified). So it is actually easier on our servers and lowers our cost to serve users. In case of back up, the encrypted device data is backed up but no server level features are…
— Sridhar Vembu (@svembu) October 8, 2025
स्वदेशी भावनाओं की लहर
‘अरट्टै’ का उदय सिर्फ एक तकनीकी सफलता नहीं, बल्कि भारतीय स्टार्टअप्स की आत्मविश्वास भरी घोषणा भी है। Zoho के CEO श्रीधर वेंबु, जो लंबे समय से ग्रामीण भारत से तकनीक का विकास कर रहे हैं, ने यह साबित किया है कि बड़े बजट या विदेशी निवेश के बिना भी एक मजबूत वैकल्पिक प्लेटफॉर्म बनाया जा सकता है।
ऐप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पूरी तरह विज्ञापन-मुक्त (Ad-free) है, साथ ही भारतीय भाषाओं का समर्थन, वीडियो कॉलिंग, और Zoho के बिजनेस टूल्स के साथ इंटीग्रेशन जैसी सुविधाएं इसे WhatsApp या Telegram जैसे ऐप्स के समकक्ष खड़ा करती हैं।
गोपनीयता पर सवाल
हालांकि सफलता के बीच सबसे बड़ा सवाल गोपनीयता (Privacy) को लेकर है।
वर्तमान में ‘अरट्टै’ पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन नहीं है। इसका मतलब है कि यूजर के मैसेज Zoho के सर्वर पर एन्क्रिप्टेड फॉर्म में स्टोर होते हैं — लेकिन वो WhatsApp की तरह केवल सेंडर और रिसीवर तक सीमित नहीं रहते।
CEO श्रीधर वेंबु ने घोषणा की है कि “जल्द ही एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर लागू किया जाएगा,” ताकि उपयोगकर्ता की निजी चैट्स को पूर्ण सुरक्षा मिले। यह कदम न केवल यूजर ट्रस्ट को बढ़ाएगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐप की विश्वसनीयता को भी मजबूत करेगा।
डिजिटल आत्मनिर्भरता का संकेत
अरट्टै की लोकप्रियता इस बात का संकेत है कि भारत में अब उपयोगकर्ता ‘Made in India’ डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अपनाने के लिए तैयार हैं। डेटा सुरक्षा, विज्ञापन-मुक्त अनुभव, और स्थानीय भाषाओं में संवाद की सुविधा — ये तीन बातें ही इस ऐप की असली ताकत हैं।
लेकिन सवाल यह भी है कि क्या यह ऐप अपनी गोपनीयता की कमजोरी को दूर करके WhatsApp जैसे दिग्गजों को वास्तव में चुनौती दे पाएगा?
‘अरट्टै’ सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि डिजिटल आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है। इसकी सफलता भारतीय टेक उद्योग की दिशा बदल सकती है — बशर्ते यह उपयोगकर्ताओं के डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा मानकों पर खरा उतरे।
अगर Zoho इस मोर्चे पर सफल हुआ, तो शायद आने वाले दिनों में “अरट्टै पर मैसेज कर” कहना उतना ही आम हो जाएगा, जितना आज “व्हाट्सएप कर” सुनाई देता है।