बिहार विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की ऐतिहासिक विजय और कांग्रेस की हार
बिहार में हाल ही संपन्न विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों ने राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए 243 में से 202 सीटों पर विजय प्राप्त की है। इसके विपरीत, कांग्रेस एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेतृत्व वाले महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लि कार्जुन खरगे ने बिहार में हुई हार पर गहन चर्चा की। कांग्रेस के 61 प्रत्याशियों में केवल छह ही सीटें जीत पाई हैं। अजय माकन ने मीडिया से वार्ता में कहा कि “शुरुआत से ही पूरी चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न था। इसके कारण परिणाम अप्रत्याशित आए। 1984 में भी कांग्रेस का स्ट्राइक रेट ऐसा नहीं था, जैसा इन चुनावों में भाजपा का है।”
कांग्रेस का मानना है कि चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताएँ हुई हैं और इसका डेटा इकट्ठा कर जांच की आवश्यकता है। पार्टी ने फॉर्म 17सी और मतदाता सूचियों के विश्लेषण का संकल्प लिया है।
1984 और वर्तमान की तुलना
1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अभूतपूर्व जीत दर्ज की थी। उस समय पार्टी ने 533 में से 414 सीटें जीती थीं। वर्तमान बिहार चुनाव में भाजपा का स्ट्राइक रेट 90 प्रतिशत से अधिक रहा है, जो भारतीय राजनीतिक इतिहास में अत्यंत उच्च माना जा रहा है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बिहार चुनाव परिणाम पूरी तरह अप्रत्याशित हैं और इनकी निष्पक्षता पर प्रश्न उठाना आवश्यक है।
महागठबंधन और विपक्ष की स्थिति
एनडीए की ऐतिहासिक विजय के साथ, विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन केवल 34 सीटों पर सिमट गया। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बिहार के नतीजे अविश्वसनीय हैं और गठबंधन दलों को इन पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा की यह जीत ‘ब्रांड मोदी-नीतीश’ की रणनीति और सामाजिक समर्थन का परिणाम है। दूसरी ओर, कांग्रेस एवं राजद को अपने रणनीतिक दृष्टिकोण और जनसंपर्क प्रणाली में गहन सुधार की आवश्यकता है।
भविष्य की रणनीतियाँ
कांग्रेस पार्टी वर्तमान में आंकड़े इकट्ठा कर रही है और आगामी 1-2 हफ्तों में ठोस सबूत प्रस्तुत करने की तैयारी में है। पार्टी का मानना है कि निष्पक्ष जांच के पश्चात ही आगामी चुनावी रणनीतियाँ निर्धारित की जा सकती हैं। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि बिहार में भविष्य में कांग्रेस को नई रणनीति अपनाने की आवश्यकता है, जो सामाजिक न्याय, विकास और जनसंपर्क को प्राथमिकता दे।
भविष्य में महागठबंधन को भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता के प्रति अपने दृष्टिकोण को पुनर्विचार करना होगा। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का यह भी मत है कि जनता के दृष्टिकोण को समझे बिना आगामी चुनावों में सफलता असंभव है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 ने भाजपा की राजनीतिक मजबूती को स्पष्ट रूप से दर्शाया है। कांग्रेस और महागठबंधन की करारी हार ने विपक्षी दलों के लिए चेतावनी दी है कि उन्हें अपने संगठन, नीति और जनसंपर्क रणनीति में गंभीर सुधार की आवश्यकता है। बिहार की जनता ने स्पष्ट संदेश दिया है कि विकास और सुशासन की दिशा में उनका मत भाजपा के पक्ष में है।