जहानाबाद/पटना। Bihar Elections 2025
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए जहानाबाद से एक बड़ी राजनीतिक हलचल सामने आई है। लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े और फायरब्रांड छवि वाले नेता Shashi Ranjan ने पार्टी से इस्तीफा देकर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। उनका इस्तीफा न केवल स्थानीय संगठन के लिए झटका माना जा रहा है, बल्कि यह कदम आने वाले चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
28 साल की राजनीतिक यात्रा पर विराम
Bihar Elections 2025: Shashi Ranjan ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी। इसके बाद वे युवा भाजपा (BJYM) के विभिन्न पदों पर सक्रिय रहे और काफी कम उम्र में जहानाबाद जिले के सबसे युवा जिला अध्यक्ष बने। करीब 28 वर्षों तक BJP संगठन के लिए काम करने वाले शशि रंजन ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। वे न केवल जिले में, बल्कि पूरे मगध क्षेत्र में पार्टी का एक पहचान योग्य चेहरा माने जाते थे।
इस्तीफे में नाराज़गी साफ झलकी
शशि रंजन ने BJP प्रदेश अध्यक्ष को लिखे इस्तीफे में कहा—
“28 वर्षों तक संगठन के लिए पूरी निष्ठा से कार्य किया और जो सम्मान मिला, उसके लिए आभारी हूं। लेकिन अब पार्टी में स्वाभिमान और सम्मान के साथ काम करने का अवसर नहीं दिखता। इसलिए मैं सभी पदों और सक्रिय सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।”
उनका यह बयान स्पष्ट रूप से पार्टी नेतृत्व से असहमति और उपेक्षा की ओर इशारा करता है। हाल के दिनों में संगठन में उन्हें नज़रअंदाज किए जाने की चर्चाएं तेज़ थीं।
सुशील मोदी के करीबी रहे हैं शशि रंजन
शशि रंजन का नाम हमेशा एक जुझारू और संघर्षशील नेता के रूप में लिया जाता रहा है। वे कभी बिहार के वरिष्ठ BJP नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के करीबी माने जाते थे। उनकी यह छवि उन्हें जहानाबाद और अरवल में एक मजबूत संगठनात्मक आधार देती रही।
Bihar Elections 2025 में समीकरणों पर असर
चूंकि शशि रंजन वर्तमान में महाराजगंज लोकसभा के प्रभारी थे और जहानाबाद–अरवल जिलों में उनकी अच्छी पकड़ है, ऐसे में उनके इस्तीफे से BJP को नुकसान उठाना पड़ सकता है। Bihar Chunav 2025 से पहले यह इस्तीफा विपक्षी दलों के लिए बड़ा मौका बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्थानीय स्तर पर BJP के वोट बैंक में सेंध लग सकती है। शशि रंजन के समर्थक काफी सक्रिय हैं और वे यदि किसी नए राजनीतिक विकल्प की ओर रुख करते हैं, तो समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।
अगला कदम क्या होगा?
इस्तीफा देने के बाद शशि रंजन ने साफ कहा कि आगे की रणनीति वे अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करने के बाद तय करेंगे। यह बयान संकेत देता है कि वे या तो किसी अन्य दल में शामिल हो सकते हैं या फिर स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना सकते हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि RJD या JDU जैसे दलों से उनकी नजदीकी बढ़ती है, तो BJP के लिए यह और बड़ा खतरा बन सकता है। वहीं, यदि वे स्वतंत्र मोर्चा बनाते हैं, तो भी जहानाबाद और अरवल में BJP-एनडीए के लिए समीकरण चुनौतीपूर्ण हो जाएंगे।
BJP की चुप्पी और चुनौती | Bihar Elections 2025
पार्टी की ओर से अब तक इस इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन अंदरखाने यह माना जा रहा है कि जहानाबाद जैसे जिलों में संगठनात्मक नुकसान से बचने के लिए BJP को नए चेहरे खोजने होंगे। साथ ही, यह इस्तीफा उन कार्यकर्ताओं को भी संदेश दे सकता है जो लंबे समय से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
निष्कर्ष
जहानाबाद में Shashi Ranjan का इस्तीफा BJP के लिए बड़ा राजनीतिक झटका है। 28 वर्षों की निष्ठा और संघर्ष के बाद एक फायरब्रांड नेता का इस तरह पार्टी छोड़ना स्थानीय और प्रदेश स्तर की राजनीति में दूरगामी असर डालेगा। अब सबकी निगाहें उनके अगले कदम पर हैं, क्योंकि Bihar Elections 2025 के चुनावी रण में यह फैसला एक बड़ा “गेमचेंजर” साबित हो सकता है।