हाजीपुर कारा मंडल में विचाराधीन कैदी ने की आत्महत्या, जांच में जुटा प्रशासन
हाजीपुर। बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर कारा मंडल में शनिवार को एक बड़ी घटना सामने आई है। शराब के मामले में जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी ने कथित तौर पर बेडशीट के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से जेल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गए हैं।
कैदी ने बैरक में लगाई फांसी, अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मृत कैदी की पहचान वैशाली जिले के बराटी थाना क्षेत्र के रदाहा गांव निवासी रंजन कुमार, पिता विशेश्वर राय के रूप में हुई है। रंजन कुमार को कुछ माह पूर्व पुलिस ने पांच लीटर देसी शराब के साथ गिरफ्तार किया था। वह न्यायिक हिरासत में हाजीपुर कारा मंडल में बंद था।
शनिवार की सुबह कैदी ने अपने बैरक के अंदर बेडशीट का फंदा बनाकर गले में डाल लिया। जब साथी कैदियों ने उसकी लाश को लटकता देखा तो तत्काल जेल कर्मियों को सूचना दी। आनन-फानन में जेल प्रशासन ने उसे सदर अस्पताल हाजीपुर पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हुआ पोस्टमार्टम
घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस और सदर एसडीपीओ सुबोध कुमार अस्पताल पहुंचे। मृतक के परिजनों को भी इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करते हुए मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया।
सदर एसडीपीओ सुबोध कुमार ने बताया कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “कैदी की आत्महत्या के पीछे की परिस्थितियों की जांच की जा रही है। जेल प्रशासन से भी जवाब-तलब किया गया है कि आखिर सुरक्षा के बावजूद यह घटना कैसे हुई।”
पहले भी फरार हो चुका था वही कैदी, दोबारा गिरफ्तारी के बाद भेजा गया था जेल
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह वही कैदी है जो 4 अक्टूबर को सदर अस्पताल से पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था। उस समय उसकी तबीयत खराब होने के कारण उसे इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था।
फरारी की जानकारी मिलते ही पुलिस ने छापेमारी अभियान चलाकर दोबारा उसे गिरफ्तार किया और पुनः जेल भेज दिया था। हालांकि, जेल में वापसी के बाद से ही वह मानसिक रूप से तनावग्रस्त बताया जा रहा था।
जेल प्रशासन पर उठे सवाल, कैदियों की सुरक्षा पर बढ़ी चिंता
इस घटना ने जेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कैदी के पास बेडशीट जैसी चीजें आत्महत्या के लिए कैसे पहुंचीं, इस पर प्रशासन जांच कर रहा है।
जेल सूत्रों का कहना है कि मृतक रंजन कुमार लंबे समय से पारिवारिक परेशानियों और मुकदमे के दबाव से तनाव में था। वहीं, कई सामाजिक संगठनों ने जेल में मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को इस घटना की जड़ बताया है।
जिला प्रशासन ने जांच टीम गठित की, रिपोर्ट जल्द पेश करने के निर्देश
जिला दंडाधिकारी ने इस मामले में विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने के निर्देश दिए हैं, जो पूरे घटनाक्रम की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। जांच में यह देखा जाएगा कि क्या यह आत्महत्या थी या इसमें किसी की लापरवाही या साजिश शामिल थी।
प्रशासन ने कहा है कि जेल में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी और अगर किसी कर्मचारी की लापरवाही पाई गई, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
स्वजन में कोहराम, न्याय की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के स्वजन सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रंजन की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप दिया गया है। स्वजन ने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सदर एसडीपीओ का बयान
सदर एसडीपीओ सुबोध कुमार ने कहा,
“यह अत्यंत दुखद घटना है। पुलिस टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी।”
निष्कर्ष
हाजीपुर कारा मंडल की यह घटना एक बार फिर जेलों की सुरक्षा, निगरानी और कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़े करती है। प्रशासनिक जांच के नतीजे से ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह वास्तव में आत्महत्या का मामला था या किसी गहरी साजिश का परिणाम।