बिहार की राजनीति में किन्नर समाज की एंट्री
बिहार की राजनीति में इस बार एक ऐतिहासिक मोड़ आने जा रहा है। Narkatiaganj Assembly Election 2025 को लेकर किन्नर समाज ने अपनी ताकत दिखाने का ऐलान किया है। बेतिया जिले के नरकटियागंज नगर की जानी-मानी किन्नर प्रतिनिधि Maya Rani ने प्रेस वार्ता में घोषणा की कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में Independent Candidate के रूप में मैदान में उतरेंगी। इस घोषणा ने चुनावी समीकरणों में हलचल पैदा कर दी है।
वेब स्टोरी:
किन्नर समाज की आवाज़ विधान सभा तक
किन्नर Maya Rani ने कहा कि अब समय आ गया है जब किन्नर समाज केवल समाज सेवा या सांस्कृतिक गतिविधियों तक सीमित न रहकर राजनीति की मुख्यधारा में भी अपनी भूमिका निभाए। उनका कहना था, “हमेशा से किन्नर समाज को हाशिए पर रखा गया। लेकिन जब भी समाज को जरूरत पड़ी, चाहे Covid-19 Pandemic का कठिन दौर रहा हो या बाढ़-सुखाड़ का संकट—गरीब बेटियों की शादी हो या बच्चों की पढ़ाई, किन्नर समाज ने हमेशा आगे बढ़कर मदद की है।”
भाजपा विधायक पर आरोप | Narkatiaganj Assembly Election 2025
किन्नर Maya Rani ने वर्तमान भाजपा विधायक Rashmi Verma पर भी सीधे तौर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नरकटियागंज में विकास कार्यों की अनदेखी की गई है। जनता की बुनियादी ज़रूरतों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर ठोस कदम नहीं उठाए गए। उनका दावा है कि जनता अब बदलाव चाहती है और इस बदलाव में किन्नर समाज एक निर्णायक शक्ति बनकर उभरेगा।
अक्टूबर में किन्नर महासम्मेलन
अक्टूबर में नरकटियागंज में देशभर के किन्नर समाज का बड़ा सम्मेलन आयोजित होगा। इस आयोजन को सामाजिक न्याय और समान अधिकार की लड़ाई की नई शुरुआत बताया जा रहा है। किन्नर समाज की अन्य प्रतिनिधि Kajal Rani और Pinky Rani ने इसे सिर्फ एक चुनावी लड़ाई नहीं बल्कि समान राजनीतिक अधिकारों के आंदोलन की नींव करार दिया। उन्होंने जनता से अपील की कि वे वोट के जरिए इस बदलाव का हिस्सा बनें।
सामाजिक न्याय की नई परिभाषा
Narkatiaganj Assembly Election 2025 के संदर्भ में किन्नर समाज की यह पहल न सिर्फ स्थानीय राजनीति बल्कि पूरे बिहार की चुनावी दिशा को प्रभावित कर सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम उस लंबे संघर्ष का हिस्सा है, जिसमें हाशिए पर खड़े वर्ग राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। किन्नर समाज की यह ऐतिहासिक पहल “Identity Politics” को मजबूती देगी और भविष्य की राजनीति में उनके लिए नए रास्ते खोलेगी।
जनता की प्रतिक्रिया और राजनीतिक असर
इस घोषणा के बाद नरकटियागंज की गलियों और चौपालों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। कुछ लोग किन्नर Maya Rani के कदम को सामाजिक बदलाव का स्वागत मान रहे हैं तो कुछ इसे पारंपरिक राजनीति के लिए चुनौती मानते हैं। अगर किन्नर समाज ने संगठित होकर अपने मतदाताओं को एकजुट किया, तो निश्चित ही यह चुनावी नतीजों में बड़ा असर डाल सकता है।
लोकतंत्र में समावेश की दिशा
भारत का लोकतंत्र लगातार नए आयाम गढ़ रहा है। जिस तरह Women Reservation Bill ने महिलाओं की राजनीति में भागीदारी को बढ़ावा दिया, उसी तरह किन्नर समाज की यह पहल भी लोकतंत्र को अधिक समावेशी बनाएगी। Narkatiaganj Assembly Election 2025 से उठी यह पहल न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में सामाजिक न्याय की नई परिभाषा गढ़ सकती है।