बिहार की राजनीति में पासवान परिवार का प्रभाव सदियों से रहा है। चाहे लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का, पासवान परिवार के नेता हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद भी उनका राजनीतिक परिवार सक्रिय रूप से बिहार की राजनीति में अपनी पैठ बनाए हुए है।
हाल ही में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस बात का प्रमाण दिया है कि पासवान परिवार अब भी बिहार की राजनीति में एक मजबूत शक्ति के रूप में मौजूद है। चिराग पासवान ने अपने भांजे सीमांत मृणाल को गरखा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है।
सीमांत मृणाल की राजनीतिक पृष्ठभूमि
सीमांत मृणाल रामविलास पासवान के दामाद एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष धनजय मृणाल के पुत्र हैं। उनकी इस राजनीतिक एंट्री को पार्टी और समर्थक बड़े उत्साह के साथ देख रहे हैं। गरखा सीट पर उनके चुनावी उम्मीदवार बनने के बाद क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।
सीमांत मृणाल के चुनावी उम्मीदवार बनने का उद्देश्य पार्टी को अनुसूचित जाति क्षेत्रों में मजबूत करना और लोक जनशक्ति पार्टी की पैठ को बढ़ाना बताया जा रहा है। उनका परिवार और राजनीतिक अनुभव उनके लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बन सकते हैं।

लोक जनशक्ति पार्टी की उम्मीदवार सूची
पार्टी महासचिव अब्दुल खालिक ने बुधवार को शाम में 14 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों को शामिल किया गया है।
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गोविंदगंज: राजू तिवारी
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सिमरी बख्तियारपुर: संजय कुमार सिंह
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दरौली (अनुसूचित जाति सुरक्षित): विष्णु देव पासवान
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गरखा (अनुसूचित जाति): सीमांत मृणाल
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साहेबपुर कमाल: सुरेन्द्र कुमार
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बखरी (अनुसूचित जाति): संजय कुमार
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परबत्ता: बाबुलाल शौर्य
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नाथनगर: मिथुन कुमार
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पालीगंज: सुनील कुमार
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ब्रह्मपुर: हुलास पांडे
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डेहरी: राजीव रंजन सिंह
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बलरामपुर: संगीता देवी
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मखदुमपुर: रानी कुमारी
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ओबरा: प्रकाश चंद्र
इन उम्मीदवारों में से अधिकांश विभिन्न व्यवसायों और सामाजिक पृष्ठभूमियों से आते हैं, जिससे पार्टी की व्यापक जनसमर्थन रणनीति स्पष्ट होती है।
गरखा सीट पर राजनीतिक महत्व
गरखा सीट बिहार के उन निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है जो अनुसूचित जाति आरक्षित हैं। यहाँ का जनमानस राजनीतिक गतिविधियों के प्रति संवेदनशील और जागरूक माना जाता है। सीमांत मृणाल के चुनावी उम्मीदवार बनने के बाद क्षेत्र में भाजपा और अन्य दलों के लिए चुनौती और भी बढ़ गई है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री आदरणीय श्री @iChiragPaswan जी ने बिहार प्रदेश के छात्र प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री सीमांत मृणाल को NDA समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की ओर से 119 – गरखा (सुरक्षित) विधानसभा का प्रत्याशी घोषित किया।
मौके पर बिहार प्रभारी व जमुई… pic.twitter.com/UpWAWILPIm
— Lok Janshakti Party (Ramvilas) (@LJP4India) October 14, 2025
विशेषज्ञों के अनुसार, पासवान परिवार की लोकप्रियता और सामाजिक समर्थन उनके चुनावी अभियान को मजबूत कर सकता है। इसके अलावा, युवा नेतृत्व और पारिवारिक राजनीतिक अनुभव के संयोजन से सीमांत मृणाल का प्रभावी प्रचार-प्रसार किया जा सकता है।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति में पासवान परिवार का दबदबा अब भी कायम है। चिराग पासवान की यह रणनीति कि अपने भांजे को गरखा सीट से मैदान में उतारना, आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आने वाले महीनों में गरखा विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियों का उत्साह बढ़ेगा और सीमांत मृणाल की लोकप्रियता का असली परीक्षण चुनाव के दौरान सामने आएगा।