बिहार की सियासत में एक बार फिर जातिगत समीकरण और चुनावी रणनीति चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav Attacks NDA बयान ने माहौल को और गरमा दिया है। तेजस्वी यादव ने साफ कहा कि एनडीए ने वर्षों तक अति-अतिपिछड़ा समाज (EBC Community) को केवल वोट बैंक समझा, लेकिन अब यह समाज जागरूक है और “Vote Bank” नहीं बल्कि “Power Bank” बन चुका है।
तेजस्वी यादव के इस तीखे बयान से बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। उनका यह संदेश चुनाव से पहले एनडीए के खिलाफ सीधा हमला माना जा रहा है।
NDA पर तेजस्वी यादव का सीधा कटाक्ष
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि एनडीए और उसके घटक दलों ने केवल चुनावी मौसम में अति-अतिपिछड़ा वर्ग को याद किया है। उन्होंने कहा कि वोट हासिल करने के बाद इस वर्ग को नीतियों और योजनाओं से दूर रखा गया। Tejashwi Yadav Attacks NDA बयान में उन्होंने स्पष्ट कहा कि सत्ता पक्ष ने इस समाज को ठगने का ही काम किया है।
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Economic Justice पर फोकस
तेजस्वी यादव ने अपने शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने EBC समाज के लिए कई विशेष योजनाएं लागू की थीं। इन योजनाओं का मकसद समाज के निचले तबके को economic justice दिलाना था। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी उनकी प्राथमिकता यही रहेगी कि अति-अतिपिछड़ों को बराबरी का अवसर और आर्थिक न्याय मिले।
चुनावी संदेश और रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव का यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने साफ कहा कि अति-अतिपिछड़ा समाज अब केवल वोट देने तक सीमित न रहे, बल्कि अपनी राजनीतिक ताक़त दिखाए। यही वजह है कि उन्होंने “Vote Bank” से “Power Bank” की परिभाषा गढ़कर राजनीतिक संदेश को और मजबूत बना दिया है।
Tejashwi Yadav Attacks NDA बयान में उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में यह वर्ग बिहार की राजनीति की दिशा और दशा तय करेगा।
RJD बनाम NDA मुकाबला
बिहार की राजनीति में RJD का पारंपरिक वोट बैंक यादव, मुस्लिम और EBC समाज रहा है। वहीं NDA, खासकर BJP और JDU, ने पिछले कुछ वर्षों में इस वर्ग में पैठ बनाने की कोशिश की है। ऐसे में तेजस्वी यादव का यह बयान एनडीए को चुनौती देने और RJD के आधार वोट बैंक को फिर से संगठित करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
जनता की भूमिका
तेजस्वी यादव ने जनता से अपील करते हुए कहा कि अति-अतिपिछड़ा समाज को अब अपनी ताक़त का अहसास कराना होगा। केवल वोट देना काफी नहीं है, बल्कि सही मायनों में राजनीतिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी होगी। उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि आने वाले चुनाव में EBC समाज सबसे निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
वेब स्टोरी:
Tejashwi Yadav Attacks NDA बयान ने एक बार फिर से बिहार की सियासत में EBC समाज की अहमियत को केंद्र में ला दिया है। यह साफ है कि तेजस्वी की रणनीति इस समाज को अपने पक्ष में करने की है। अब देखना यह होगा कि एनडीए इस चुनौती का कैसे सामना करता है और चुनाव में जनता किसके पक्ष में फैसला सुनाती है।