झामुमो का बिहार में अलग रुख, गठबंधन पर कांग्रेस में बेचैनी
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन से किनारा कर लिया है। पार्टी ने चकाई, धमदाहा, कटोरिया (एसटी), मनिहारी (एसटी), जमुई और पीरपैंती सीटों पर स्वतंत्र रूप से उम्मीदवार उतारने का फैसला किया।
पार्टी के मुताबिक, राजद और कांग्रेस से बार-बार संपर्क किया गया, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। 14 अक्टूबर की समय सीमा के बाद झामुमो को यह कदम उठाना पड़ा।
झामुमो का यह निर्णय पड़ोसी राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने और विस्तार की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, झारखंड में उसने हमेशा गठबंधन के घटक दलों के साथ सम्मानजनक नीति अपनाई है।
गठबंधन समीक्षा की चेतावनी से बेचैनी:
झामुमो ने स्पष्ट किया कि बिहार चुनाव के अनुभव के बाद झारखंड में कांग्रेस-राजद गठबंधन की समीक्षा की जाएगी। इससे कांग्रेस में बेचैनी बढ़ी है, क्योंकि झामुमो के रुख से विपक्षी एकता कमजोर हो सकती है।
राजद के अंदर भी इस फैसले को लेकर सुगबुगाहट है। हालांकि, राजद का मानना है कि इसका सरकार की स्थिरता पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
विश्लेषकों के मुताबिक, झामुमो के इस तल्ख तेवर से नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं और हेमंत सोरेन के कड़े फैसलों का असर भी देखने को मिलेगा।