सावनेर में ‘डिफेंस कॉरिडॉर’ की मांग, विधायक डॉ. आशीष देशमुख ने पीएम मोदी और रक्षा मंत्री को लिखा पत्र
Saoner Defence Corridor News: नागपुर। सावनेर-कलमेश्वर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. आशीष देशमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर नागपुर ज़िले के सावनेर में ‘डिफेंस न्यूक्लियर एयरोस्पेस (डीएनए) डिफेंस कॉरिडॉर’ स्थापित करने की अपील की है।
डॉ. देशमुख ने पत्र में उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश ने ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। जहाँ 2014 में घरेलू रक्षा उत्पादन महज़ 600 करोड़ रुपये था, वहीं 2024 तक यह बढ़कर 24,000 करोड़ रुपये पहुँच चुका है। केंद्र सरकार ने 2029 तक इसे 50,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि विदर्भ क्षेत्र रक्षा उद्योग के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता है। सावनेर में एमआईडीसी द्वारा 6,000 एकड़ भूमि पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है, जो प्रस्तावित ‘डिफेंस कॉरिडॉर’ के लिए उपयुक्त है।
Saoner Defence Corridor News: डॉ. देशमुख ने तर्क दिया कि नागपुर का भौगोलिक केंद्र होना, मिहान सेझ का एयरोस्पेस एवं एमआरओ हब के रूप में विकास, वर्धा का पुलगाँव (सीएडी) गोला-बारूद आपूर्ति में भूमिका और अमरावती का मिसाइल उत्पादन में योगदान—इन सबके चलते यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने यह भी बताया कि नागपुर ज़िले में पहले से ही कई बड़े रक्षा और एयरोस्पेस संस्थान मौजूद हैं, जिनमें विदर्भ डिफेन्स इंडस्ट्रीज असोसिएशन (VDIA), डसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस, एनएडीपी आयुध कारखाना, वायुसेना अनुरक्षण कमान, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, सोलर इंडस्ट्रीज, भारत डायनेमिक्स और गोदरेज एंड बॉयस जैसी प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं।
Saoner Defence Corridor News: सावनेर की भौगोलिक स्थिति, बिजली-पानी की उपलब्धता, कोयला भंडार, प्राकृतिक संसाधन, गैस पाइपलाइन और प्रशिक्षित मानव संसाधन को डॉ. देशमुख ने रक्षा उद्योगों के लिए उपयुक्त बताया। साथ ही उन्होंने उल्लेख किया कि यहाँ 10,000 करोड़ रुपये की एक बड़ी इंटिग्रेटेड फर्टिलाइज़र परियोजना भी निर्माणाधीन है।
अंत में उन्होंने अनुरोध किया कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मज़बूती देने के लिए सावनेर में ‘डिफेंस कॉरिडॉर’ को मंजूरी दी जाए, जिससे न केवल स्थानीय स्तर पर रोज़गार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश की रक्षा क्षमता भी और सुदृढ़ होगी।