पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर बड़ा खुलासा सामने आया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहन अलीमा खान ने देश के सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। अलीमा ने कहा है कि आसिम मुनीर भारत से युद्ध करने के लिए बेताब रहते हैं और उनकी सोच कट्टरवादी है। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है और दोनों देशों के रिश्ते खराब स्थिति में हैं।
अलीमा खान का बड़ा आरोप
अलीमा खान ने स्काई न्यूज के कार्यक्रम ‘द वर्ल्ड विथ याल्दा हकीम’ में दिए गए एक साक्षात्कार में यह बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर एक कट्टरवादी इस्लामिक विचारधारा वाले व्यक्ति हैं। अलीमा के मुताबिक यही वजह है कि वह हमेशा भारत से युद्ध की स्थिति बनाने की कोशिश करते रहते हैं।
अलीमा ने अपने बयान में कहा, “आसिम मुनीर बहुत ज्यादा कट्टरवादी सोच रखते हैं। यही कारण है कि वह भारत से जंग चाहते हैं। उनका इस्लामिक कट्टरपन उन्हें उन लोगों के खिलाफ लड़ने पर मजबूर करता है, जो इस्लाम में विश्वास नहीं रखते।” यह बयान बेहद चौंकाने वाला है क्योंकि इससे पाकिस्तान की सेना और सरकार के बीच की सोच का अंतर साफ झलकता है।
इमरान खान और भारत के साथ रिश्ते
अलीमा खान ने अपने भाई इमरान खान की तारीफ करते हुए उन्हें पूरी तरह से उदारवादी बताया। उन्होंने कहा कि जब भी इमरान खान सत्ता में आए, उन्होंने भारत के साथ रिश्ते बेहतर बनाने की पूरी कोशिश की। अलीमा के अनुसार इमरान खान ने भारत की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के साथ भी अच्छे संबंध बनाने का प्रयास किया था।
अलीमा ने कहा, “जब-जब इमरान खान सत्ता में आए, उन्होंने भारत और बीजेपी के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश की। लेकिन जब भी कोई कट्टर इस्लामिक सोच वाला व्यक्ति जैसे आसिम मुनीर सत्ता में आता है, तब भारत के साथ युद्ध जैसी स्थिति बनती है।” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी स्थिति में भारत के सहयोगी देश भी इसकी कीमत चुकाते हैं।
सेना प्रमुख की सोच और पाकिस्तान की नीति
अलीमा खान के इस बयान से यह साफ होता है कि पाकिस्तान में सेना और नागरिक सरकार के बीच विदेश नीति को लेकर गहरा मतभेद है। जब इमरान खान प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने भारत के साथ शांति और बातचीत का रास्ता अपनाने की कोशिश की थी। लेकिन सेना के कट्टरवादी रवैये की वजह से यह प्रयास कभी सफल नहीं हो सके।
आसिम मुनीर पाकिस्तान के नए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज हैं और उन पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह अपनी धार्मिक सोच की वजह से भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हैं। अलीमा का कहना है कि यह सोच पाकिस्तान के लिए खतरनाक है और इससे क्षेत्र में शांति खतरे में पड़ सकती है।
इमरान खान की जेल में हालत
इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। उन पर कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं और वह पिछले दो सालों से जेल की चारदीवारी में हैं। हाल के दिनों में उनके साथ दुर्व्यवहार और यहां तक कि उनकी मौत की भी अफवाहें फैली थीं, जिससे उनके समर्थकों में चिंता बढ़ गई थी।
हालांकि मंगलवार को पाकिस्तान सरकार ने इमरान खान की एक अन्य बहन डॉक्टर उजमा खानुम को जेल में उनसे मिलने की अनुमति दी। उजमा ने अदियाला जेल में लगभग बीस मिनट तक इमरान खान से मुलाकात की। जेल से बाहर आने के बाद उजमा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इमरान खान को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
परिवार की चिंता
इमरान खान के परिवार को उनकी सेहत और सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता है। उजमा खानुम ने बताया कि जेल में इमरान खान को मानसिक यातना दी जा रही है। उन्हें अकेला रखा जा रहा है और उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। परिवार का कहना है कि यह सब सेना और मौजूदा सरकार के दबाव में हो रहा है।
इमरान खान पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार से लेकर राजनीतिक षड्यंत्र तक शामिल हैं। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का कहना है कि यह सारे मामले राजनीतिक बदला लेने के लिए बनाए गए हैं।
भारत-पाकिस्तान संबंध
अलीमा खान के बयान ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर एक नई रोशनी डाली है। यह साफ होता है कि पाकिस्तान में सत्ता का असली केंद्र सेना है और वह अपनी विचारधारा के अनुसार विदेश नीति तय करती है। भारत के साथ शांति और बातचीत की कोई भी कोशिश सेना के कट्टरवादी रुख की वजह से नाकाम हो जाती है।
हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा है। दोनों देशों के बीच गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं और रिश्ते और खराब हुए हैं। अलीमा के बयान से यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की सेना में बैठे कुछ लोग जानबूझकर भारत के साथ टकराव की स्थिति बनाना चाहते हैं।
क्या है आगे का रास्ता
अलीमा खान के इस खुलासे के बाद सवाल उठता है कि पाकिस्तान में शांति और लोकतंत्र का भविष्य क्या है। जब तक सेना की पकड़ कमजोर नहीं होगी और नागरिक सरकार को पूरी ताकत नहीं मिलेगी, तब तक भारत के साथ रिश्ते सुधरने की उम्मीद कम ही है।
इमरान खान के समर्थक मानते हैं कि अगर उन्हें रिहा किया जाए और फिर से सत्ता में आने का मौका मिले, तो वह क्षेत्र में शांति ला सकते हैं। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए यह बेहद मुश्किल लगता है। पाकिस्तान की राजनीति में सेना का दबदबा इतना ज्यादा है कि कोई भी नागरिक नेता स्वतंत्र रूप से फैसला नहीं ले सकता।
अलीमा खान का यह बयान पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और विदेश नीति के बीच के अंतर्विरोधों को उजागर करता है। यह दिखाता है कि देश के भीतर ही सत्ता के लिए संघर्ष चल रहा है और इसका असर पूरे क्षेत्र की शांति पर पड़ रहा है।