महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। राज्य विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन इस साल नागपुर में आयोजित होने जा रहा है। यह अधिवेशन 8 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 14 दिसंबर 2025 तक चलेगा। इस फैसले की जानकारी विधान सभा और विधान परिषद की कार्य सलाहकार समिति की बैठक में दी गई।
सप्ताहांत में भी होगा सदन का कामकाज
इस बार का शीतकालीन सत्र कुछ खास होने वाला है क्योंकि सरकार ने एक अनोखा निर्णय लिया है। 13 दिसंबर जो कि शनिवार है और 14 दिसंबर जो रविवार है, दोनों दिन सरकारी अवकाश होने के बावजूद विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदनों में कामकाज जारी रहेगा। यह निर्णय इस बात का संकेत है कि सरकार के पास कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर चर्चा और फैसले लेने की जरूरत है।
बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद
विधान भवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में महाराष्ट्र की राजनीति के कई बड़े चेहरे शामिल हुए। विधान परिषद के सभापति प्रो. राम शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस बैठक में शामिल हुए। उनके साथ दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहे।
इसके अलावा विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोरहे, विधानसभा उपाध्यक्ष अण्णा बनसोडे ने भी बैठक में हिस्सा लिया। कई मंत्रीगण जैसे उच्च एवं तकनीकी शिक्षा तथा संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांतदादा पाटील, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, जलसंपदा मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील और सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशीष शेलार भी इस बैठक का हिस्सा बने। विधानसभा और विधान परिषद के कई अन्य सदस्य और संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।
संविधान पर हुई थी खास चर्चा
इस साल 26 मार्च 2025 को विधानसभा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण चर्चा आयोजित की गई थी। यह चर्चा भारतीय संविधान की गौरवशाली अमृत महोत्सवी यात्रा के उपलक्ष्य में रखी गई थी। भारतीय संविधान देश की आधारशिला है और इसकी यात्रा पर चर्चा करना एक महत्वपूर्ण विषय था।
मुख्यमंत्री के भाषण की होगी पुस्तक
इस चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक विस्तृत और प्रभावशाली भाषण दिया था। उनके इस भाषण को अब पुस्तक के रूप में संकलित किया गया है। यह पुस्तक महाराष्ट्र विधानमंडल वि.स. पांगे संसदीय प्रशिक्षण केंद्र के प्रयासों से तैयार की गई है। यह केंद्र विधायकों और राज्य की संसदीय प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए काम करता है।
राज्यपाल करेंगे पुस्तक का विमोचन
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि इस पुस्तक का विमोचन 9 दिसंबर 2025 को होगा। यह विमोचन महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा किया जाएगा। यह कार्यक्रम शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले होगा, जो इसे और भी खास बना देता है।
नागपुर में क्यों होता है शीतकालीन सत्र
महाराष्ट्र में एक परंपरा है कि राज्य की राजधानी मुंबई में साल भर विधानमंडल के सत्र होते हैं, लेकिन शीतकालीन सत्र नागपुर में आयोजित किया जाता है। नागपुर विदर्भ क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है और इसे महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी भी कहा जाता है। यह परंपरा राज्य के सभी क्षेत्रों को समान महत्व देने की भावना को दर्शाती है।
सत्र में क्या हो सकते हैं मुद्दे
हालांकि अभी तक सत्र की कार्यसूची की पूरी जानकारी नहीं आई है, लेकिन अनुमान है कि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। राज्य के विकास, किसानों की समस्याएं, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दे सामने आ सकते हैं। विपक्ष भी अपने सवाल और मुद्दे उठा सकता है।
सप्ताहांत में काम का मतलब
शनिवार और रविवार को भी सदन चलाने का फैसला यह दर्शाता है कि सरकार गंभीरता से काम करना चाहती है। आमतौर पर सप्ताहांत में सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं, लेकिन इस बार विधानमंडल में काम जारी रहेगा। इससे सात दिनों में अधिक से अधिक काम पूरा किया जा सकेगा।
विधायकों की तैयारी
शीतकालीन सत्र की घोषणा के बाद सभी विधायक और विधान परिषद के सदस्य अपनी तैयारी में जुट गए हैं। सत्तापक्ष के सदस्य सरकार की उपलब्धियों को रखने की तैयारी कर रहे हैं तो विपक्ष अपने सवालों और मुद्दों को तैयार कर रहा है। यह सत्र महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
नागपुर की तैयारियां
नागपुर शहर भी इस शीतकालीन सत्र के लिए तैयारियों में जुटा है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। विधायकों के ठहरने और अन्य व्यवस्थाओं को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। शहर में इस दौरान राजनीतिक गतिविधियां बढ़ जाती हैं और यह पूरे विदर्भ क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण होता है।
यह शीतकालीन सत्र महाराष्ट्र की राजनीति और शासन के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। जनता की नजरें इस बात पर होंगी कि इन सात दिनों में क्या फैसले लिए जाते हैं और कौन से मुद्दे उठाए जाते हैं।