Petrol Price Today: भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम अब केवल एक आंकड़ा नहीं रहे, बल्कि यह आम आदमी की रोजमर्रा की जिंदगी से गहराई से जुड़ा विषय बन चुके हैं। सुबह की चाय से लेकर ऑफिस जाने की यात्रा और सब्जी मंडी तक, हर जगह ईंधन की कीमतों का असर महसूस किया जाता है। यही वजह है कि हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के नए रेट्स जारी होते ही लोग सबसे पहले इन्हीं दामों पर नजर डालते हैं।
आज 14 दिसंबर 2025 को भी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने ताजा फ्यूल रेट्स अपडेट किए हैं। देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमत ₹103.54 प्रति लीटर के आसपास बनी हुई है। यह आंकड़ा सिर्फ एक मूल्य नहीं,
बल्कि इसके पीछे वैश्विक बाजार, सरकारी नीतियां और तेल कंपनियों की रणनीति की लंबी कहानी छिपी हुई है।
हर सुबह 6 बजे क्यों बदलते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
2017 के बाद से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोजाना संशोधित की जाने लगीं। इससे पहले लंबे समय तक कीमतें स्थिर रहती थीं और अचानक बड़ा बदलाव देखने को मिलता था। रोजाना अपडेट की व्यवस्था इसलिए लाई गई ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के उतार-चढ़ाव का सीधा असर घरेलू कीमतों में दिख सके।
इस प्रक्रिया में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर दिन सुबह 6 बजे नई कीमतें लागू करती हैं, ताकि पूरे देश में एक पारदर्शी प्रणाली बनी रहे।
भारत में राज्यवार पेट्रोल की कीमत
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | पेट्रोल का दाम (₹/लीटर) | मूल्य परिवर्तन |
|---|---|---|
| अंडमान और निकोबार | ₹82.46 | 0.00 |
| आंध्र प्रदेश | ₹109.63 | +0.26 |
| अरुणाचल प्रदेश | ₹90.66 | 0.00 |
| असम | ₹98.46 | +0.18 |
| बिहार | ₹105.23 | -0.35 |
| चंडीगढ़ | ₹94.30 | 0.00 |
| छत्तीसगढ़ | ₹99.72 | +0.07 |
| दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव | ₹92.44 | +0.07 |
| दिल्ली | ₹94.77 | 0.00 |
| गोवा | ₹96.56 | 0.00 |
| गुजरात | ₹94.80 | -0.15 |
| हरयाणा | ₹95.95 | 0.00 |
| हिमाचल प्रदेश | ₹95.32 | 0.00 |
| जम्मू एवं कश्मीर | ₹96.71 | +0.11 |
| झारखंड | ₹98.26 | +0.40 |
| कर्नाटक | ₹102.92 | 0.00 |
| केरल | ₹107.49 | +0.19 |
| लद्दाख | ₹102.71 | 0.00 |
| लक्षद्वीप | ₹100.75 | 0.00 |
| मध्य प्रदेश | ₹106.52 | 0.00 |
| महाराष्ट्र | ₹103.54 | 0.00 |
| मणिपुर | ₹99.19 | 0.00 |
| मेघालय | ₹96.32 | -0.01 |
| मिजोरम | ₹99.26 | 0.00 |
| नगालैंड | ₹97.74 | -0.14 |
| ओडिशा | ₹101.03 | +0.10 |
| पांडिचेरी | ₹96.26 | 0.00 |
| पंजाब | ₹98.28 | +0.05 |
| राजस्थान | ₹104.72 | 0.00 |
| सिक्किम | ₹103.30 | 0.00 |
| तमिलनाडु | ₹101.03 | +0.23 |
| तेलंगाना | ₹107.46 | 0.00 |
| त्रिपुरा | ₹97.81 | +0.21 |
| उत्तर प्रदेश | ₹94.69 | 0.00 |
| उत्तराखंड | ₹93.21 | -0.29 |
| पश्चिम बंगाल | ₹105.41 | 0.00 |
कौन तय करता है पेट्रोल और डीजल के दाम
भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम तय करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से तीन सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के पास है—इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड।
ये कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति, रिफाइनिंग लागत और टैक्स को ध्यान में रखते हुए फ्यूल रेट्स तय करती हैं। इसके बाद इन्हें अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट किया जाता है।
कच्चा तेल कैसे बनता है सबसे बड़ा ट्रिगर
अगर पेट्रोल-डीजल के दाम को समझना है, तो सबसे पहले कच्चे तेल को समझना जरूरी है। भारत अपनी जरूरत का बड़ा हिस्सा आयात करता है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ते ही उसका असर घरेलू बाजार पर दिखने लगता है।
जब वैश्विक स्तर पर तनाव, युद्ध या उत्पादन में कटौती होती है, तो कच्चा तेल महंगा हो जाता है। वहीं, सप्लाई बढ़ने या मांग घटने पर कीमतें नरम पड़ती हैं। इसी उतार-चढ़ाव के अनुसार ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव करती हैं।
टैक्स और राज्य सरकारों की भूमिका
अक्सर लोग सवाल करते हैं कि कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल महंगे क्यों रहते हैं। इसका एक बड़ा कारण टैक्स है। केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है, जबकि राज्य सरकारें वैट वसूलती हैं।
हर राज्य में वैट की दर अलग-अलग होने के कारण एक ही दिन में अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम अलग नजर आते हैं। यही वजह है कि किसी शहर में पेट्रोल ₹100 के पार होता है, तो किसी जगह उससे कुछ कम।
आम आदमी की जेब पर सीधा असर
ईंधन की कीमतें बढ़ते ही इसका असर केवल वाहन चालकों तक सीमित नहीं रहता। ट्रांसपोर्ट महंगा होने से सब्जी, फल, दूध और रोजमर्रा की जरूरतों के दाम भी बढ़ने लगते हैं।
मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम एक बड़ी चिंता बन जाते हैं। वहीं, कारोबारी वर्ग के लिए यह लागत बढ़ने का संकेत होता है।
आगे क्या रह सकता है रुख
आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजार और सरकारी नीतियों पर निर्भर करेंगी। यदि कच्चा तेल स्थिर रहता है और टैक्स में कोई राहत मिलती है, तो आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है।
हालांकि, मौजूदा हालात में कीमतों में बड़ी गिरावट की उम्मीद कम ही नजर आती है। ऐसे में लोगों को अपने बजट और खर्चों की योजना सोच-समझकर बनानी होगी।