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झूठी खबरें लोकतंत्र के लिए खतरा, सख्त कार्रवाई जरूरी: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

Fake News Threat to Democracy: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी चेतावनी, डीपफेक पर होगी सख्त कार्रवाई
Fake News Threat to Democracy: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी चेतावनी, डीपफेक पर होगी सख्त कार्रवाई (Image Source: AIR)
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि झूठी खबरें लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्होंने सोशल मीडिया, फर्जी सूचनाओं और एआई से बनाए गए डीपफेक वीडियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत बताई। सरकार ने डीपफेक की पहचान और कार्रवाई के लिए नया नियम तैयार किया है। मंत्री ने कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों और नागरिक समाज को मिलकर समाज में विश्वास बनाए रखना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान की सफलता और ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त कानून का भी जिक्र किया जो करोड़ों परिवारों को फायदा पहुंचा रहा है।
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देश में डिजिटल क्रांति के बीच झूठी खबरों और फर्जी सूचनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी को देखते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ शब्दों में कहा है कि झूठी खबरें हमारे लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा बन चुकी हैं। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंत्री जी ने इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करते हुए सरकार की मंशा और आगामी योजनाओं की जानकारी दी।

अश्विनी वैष्णव ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली झूठी खबरों, गलत सूचनाओं और कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई से बनाए गए डीपफेक वीडियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना समय की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सरकार ने इन समस्याओं से निपटने के लिए नए नियमों का मसौदा तैयार किया है जो जल्द ही लागू होगा।

डीपफेक पर सख्त नियम जरूरी

मंत्री जी ने कहा कि एआई तकनीक से बनाए गए डीपफेक वीडियो आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती बन गए हैं। इन वीडियो में किसी भी व्यक्ति की आवाज और चेहरे का गलत इस्तेमाल करके ऐसी सामग्री तैयार की जाती है जो पूरी तरह से झूठी होती है। इससे समाज में भ्रम फैलता है और लोगों की भावनाएं भड़काई जाती हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने एक नया मसौदा नियम प्रकाशित किया है जिसके तहत डीपफेक को पहचाना जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वैष्णव ने कहा कि इस नियम के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी जवाबदेह बनाया जाएगा। उन्हें अपने मंच पर फैलने वाली फर्जी सामग्री को जल्द से जल्द हटाना होगा और ऐसी सामग्री फैलाने वालों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। यह कदम देश में डिजिटल सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

प्रेस काउंसिल और सरकार की भूमिका

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया दोनों मिलकर टीवी चैनलों और अखबारों के खिलाफ आने वाली शिकायतों पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। जब भी किसी मीडिया संस्थान के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो उसकी गंभीरता से जांच की जाती है। अगर कोई संस्थान झूठी खबर फैलाता पाया जाता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाती है।

वैष्णव ने जोर देकर कहा कि झूठी खबरों और गलत कहानियों का सक्रिय रूप से विरोध किया जाना चाहिए। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि राज्य सरकारों और नागरिक समाज को भी मिलकर इस दिशा में काम करना होगा। समाज में विश्वास बनाए रखना और उसे और मजबूत करना हम सभी की साझा जिम्मेदारी है।

सामूहिक प्रयास की जरूरत

मंत्री जी ने समझाया कि झूठी खबरों से लड़ने के लिए केवल कानून बनाना काफी नहीं है। इसके लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और आम नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। हर किसी को सतर्क रहना होगा और किसी भी खबर को आगे बढ़ाने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करनी होगी। सोशल मीडिया पर मिली किसी भी जानकारी को बिना पुष्टि किए साझा नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि समाज में विश्वास बनाए रखना बेहद जरूरी है। जब लोग झूठी खबरों का शिकार होते हैं तो वे एक दूसरे पर और संस्थानों पर से भरोसा खोने लगते हैं। यह लोकतंत्र के लिए बेहद हानिकारक है। इसलिए सभी को मिलकर इस समस्या से निपटना होगा।

डिजिटल इंडिया की क्रांति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में डिजिटल इंडिया अभियान ने एक नई क्रांति ला दी है। अश्विनी वैष्णव ने इस बात पर गर्व जताते हुए कहा कि आज देश इसके सकारात्मक प्रभाव देख रहा है। डिजिटल तकनीक ने लोगों के जीवन को आसान बना दिया है और सरकारी सेवाएं अब आम नागरिकों की पहुंच में आ गई हैं।

डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन और ई-गवर्नेंस जैसी सुविधाओं ने देश की तस्वीर बदल दी है। लेकिन इस डिजिटल क्रांति के साथ कुछ चुनौतियां भी आई हैं जिनमें साइबर अपराध, झूठी खबरें और ऑनलाइन धोखाधड़ी प्रमुख हैं। सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार नए कदम उठा रही है।

ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त कानून

मंत्री जी ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सरकार ने ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स को नियंत्रित करने के लिए बहुत सख्त कानून बनाया है। यह कानून देश के करोड़ों परिवारों को फायदा पहुंचा रहा है। पहले कई लोग ऑनलाइन गेमिंग में अपनी मेहनत की कमाई गंवा देते थे और इससे परिवारों में तनाव और आर्थिक परेशानियां आती थीं।

नए कानून के तहत ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को सख्त नियमों का पालन करना होगा। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमता से ज्यादा पैसा जुए में न लगाए। साथ ही नाबालिगों को इन प्लेटफॉर्म्स से दूर रखने के लिए भी सख्त प्रावधान किए गए हैं।

लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में कदम

अश्विनी वैष्णव के इस बयान से साफ है कि सरकार झूठी खबरों और फर्जी सूचनाओं के खिलाफ गंभीर है। डीपफेक तकनीक का दुरुपयोग रोकने के लिए नए नियम बनाए जा रहे हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी जिम्मेदार बनाया जा रहा है। यह सब कदम देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने और समाज में विश्वास कायम रखने के लिए जरूरी हैं।

झूठी खबरों का असर केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं होता बल्कि यह पूरे समाज और राष्ट्र को प्रभावित करता है। इसलिए यह जरूरी है कि हर नागरिक इस मुद्दे पर जागरूक रहे और किसी भी सूचना को आगे बढ़ाने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करे। सरकार अपनी तरफ से कानून और नियम बना रही है लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब आम लोग भी इस मुहिम में भागीदार बनेंगे।

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह बयान समय की मांग है। झूठी खबरें और डीपफेक वीडियो आज के समय की सबसे बड़ी समस्याएं हैं जो समाज में भ्रम फैला रही हैं और लोकतंत्र को कमजोर कर रही हैं। सरकार इस दिशा में सख्त कदम उठा रही है और जल्द ही नए नियम लागू होंगे। लेकिन यह लड़ाई केवल सरकार की नहीं है बल्कि हर नागरिक को इसमें अपनी भूमिका निभानी होगी। तभी हम एक स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र का निर्माण कर सकेंगे।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।