महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में स्थित नागपुर और अमरावती जिलों में विकास कार्यों की रफ्तार तेज होने जा रही है। राज्य सरकार ने इन दोनों जिलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर योजनाओं को मंजूरी दे दी है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और सार्वजनिक बांधकाम मंत्री शिवेंद्रसिंहराजे भोसले की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में करीब 2000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर चर्चा की गई। इन योजनाओं में सड़क निर्माण, सरकारी भवन, अस्पताल और अधिकारियों के आवास शामिल हैं।
नागपुर में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों मंत्रियों ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए और गुणवत्ता से किसी भी हाल में समझौता नहीं होना चाहिए। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने विस्तृत प्रस्तुति देकर हर योजना की जानकारी दी।
नागपुर में होंगे बड़े निर्माण कार्य
नागपुर शहर के विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को हरी झंडी मिली है। इनमें सबसे बड़ी परियोजना 222.22 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला नाग भवन है। यह प्रशासनिक भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और सरकारी कामकाज को और सुचारू बनाएगा। इसके अलावा रवि नगर कॉलोनी में 54.91 करोड़ रुपये की लागत से अधिकारियों के लिए आवासीय परिसर बनाया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जीएमसीएच परिसर में 175.28 करोड़ रुपये की लागत से सिकलसेल और थैलेसीमिया अस्पताल का निर्माण होगा। यह अस्पताल इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराएगा। इसके साथ ही कर्मचारियों के आवास के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये की योजनाओं पर भी काम शुरू होगा।
सड़कों के लिए 1147 करोड़ का प्रावधान
नागपुर जिले में सड़क निर्माण के लिए 1147 करोड़ रुपये के 24 कार्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इनमें ठाणा-निहिरवानी-खात मार्ग के लिए 252 करोड़ रुपये और कोथुर्णा-सलाई-चारगांव सड़क के लिए 180 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ये सड़कें ग्रामीण इलाकों को शहरी क्षेत्रों से जोड़ेंगी और आवागमन को आसान बनाएंगी।
बैठक में मंत्री बावनकुले ने कहा कि नागपुर राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण शहर है और यहां की सड़कों की गुणवत्ता उच्च स्तर की होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अमरावती में भी विकास की तेज रफ्तार
अमरावती जिले में भी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू होने जा रही हैं। जिला मुख्यालय में 28.26 करोड़ रुपये की लागत से वीवीआईपी सूट का निर्माण होगा। यह सुविधा उच्च पदस्थ अधिकारियों और विशिष्ट मेहमानों के लिए होगी। दर्यापुर में 10 करोड़ रुपये की लागत से विश्राम गृह बनाया जाएगा जो सरकारी अधिकारियों के ठहरने के लिए उपयोगी होगा।
अंजनगांव सुर्जी में 51.38 करोड़ रुपये के उप-विभागीय कार्यालय का निर्माण होगा। यह कार्यालय प्रशासनिक कामकाज को तहसील स्तर पर मजबूत बनाएगा। आसेगांव पूर्णा में 26.40 करोड़ रुपये की लागत से ग्रामीण अस्पताल का निर्माण किया जाएगा जो ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएगा।
गुणवत्ता पर विशेष जोर
बैठक में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विशेष रूप से गुणवत्ता बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं इसलिए निर्माण कार्य की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नियमित निगरानी की जाए और किसी भी खामी को तुरंत दूर किया जाए।
मंत्री भोसले ने भी कहा कि सार्वजनिक बांधकाम विभाग की जिम्मेदारी है कि वह इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ठेकेदारों पर नजर रखें और किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त न करें।
बिलों के भुगतान पर सकारात्मक चर्चा
बैठक में लंबित 2186 करोड़ रुपये के बिलों के भुगतान पर भी चर्चा हुई। ठेकेदारों के बिल लंबे समय से लंबित होने से परियोजनाओं की गति धीमी हो रही थी। मंत्रियों ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन बिलों का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए ताकि निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ सके।
इस सकारात्मक कदम से ठेकेदारों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपने काम में पूरी मेहनत लगाएंगे। बैठक में यह भी तय किया गया कि आगे से बिलों के भुगतान में देरी नहीं की जाएगी और एक व्यवस्थित प्रणाली विकसित की जाएगी।
विदर्भ के विकास की नई उम्मीद
नागपुर और अमरावती जिलों में इन परियोजनाओं से विदर्भ क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी। सड़कों के निर्माण से ग्रामीण इलाकों का शहरों से बेहतर संपर्क होगा। प्रशासनिक भवनों के बनने से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आएगी। अस्पतालों के निर्माण से स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी।
स्थानीय लोग इन योजनाओं से काफी खुश हैं। उनका कहना है कि इन परियोजनाओं से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र का समग्र विकास होगा। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इन योजनाओं का स्वागत किया है और सरकार से अनुरोध किया है कि इन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
राजस्व मंत्री बावनकुले ने बैठक के अंत में कहा कि नागपुर और अमरावती दोनों जिलों का कायाकल्प होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि ये परियोजनाएं निर्धारित समय सीमा में पूरी हो जाएंगी और जनता को इनका पूरा लाभ मिलेगा। मंत्री भोसले ने भी आश्वासन दिया कि सार्वजनिक बांधकाम विभाग पूरी तत्परता से काम करेगा।