भारत में विशेष तीव्र पुनरीक्षण चरण-द्वितीय: 12 राज्यों में 98.32 प्रतिशत मतदाता फॉर्म वितरित

98.32 Percent Enumeration Forms Distributed
98.32 Percent Enumeration Forms Distributed: भारत में चुनाव आयोग द्वारा 12 राज्यों में मतदाता फॉर्म वितरण प्रक्रिया की प्रगति (File Photo)
चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में विशेष तीव्र पुनरीक्षण चरण-द्वितीय के तहत 98.32 प्रतिशत मतदाता फॉर्म वितरित किए हैं। डिजिटलरण और राजनीतिक दलों की भागीदारी से सत्यापन प्रक्रिया तेजी से चल रही है। शेष क्षेत्रों में अंतिम सूची अद्यतन करने के लिए अभियान जारी है।
नवम्बर 17, 2025

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने हाल ही में अपने दैनंदिन बुलेटिन में बताया कि विशेष तीव्र पुनरीक्षण (SIR) चरण-द्वितीय के तहत 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 50.11 करोड़ मतदाता-विशिष्ट प्रपत्र (Enumeration Forms) वितरित किए जा चुके हैं। यह संख्या कुल वितरण का 98.32 प्रतिशत दर्शाती है।

यह अभियान 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चल रहा है, जिसमें घर-घर जाकर मतदाता विवरणों का सत्यापन और अद्यतन किया जा रहा है। इसमें बूथ स्तर अधिकारी (BLO) और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर एजेंट (BLA) शामिल हैं।

विशेष तीव्र पुनरीक्षण का महत्व

विशेष तीव्र पुनरीक्षण चरण-द्वितीय का उद्देश्य आगामी चुनावों से पूर्व मतदाता सूचियों को सम्पूर्ण और अद्यतन करना है। इस प्रक्रिया में बूथ स्तर पर प्रत्यक्ष सत्यापन और नए मतदाताओं का पंजीकरण शामिल है। आयोग का लक्ष्य सभी राज्यों में मतदाता सूचियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की स्थिति

इस चरण में भाग लेने वाले क्षेत्र हैं:

  • गोवा

  • लक्षद्वीप

  • अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह

  • गुजरात

  • मध्यप्रदेश

  • उत्तरप्रदेश

  • पश्चिम बंगाल

  • तमिलनाडु

  • राजस्थान

  • पुदुचेरी

  • केरल

  • छत्तीसगढ़

इनमें से गोवा और लक्षद्वीप ने 100 प्रतिशत फॉर्म वितरण की उपलब्धि प्राप्त की है।

बड़े राज्यों में प्रगति

बड़े राज्यों में भी वितरण की उच्च दर दर्ज की गई है। उत्तरप्रदेश ने 15.27 करोड़ प्रिंटेड फॉर्म (98.90 प्रतिशत) वितरित किए हैं, जबकि मध्यप्रदेश ने 5.71 करोड़ फॉर्म (99.63 प्रतिशत) वितरित किए। पश्चिम बंगाल ने 7.63 करोड़ फॉर्म (99.56 प्रतिशत) वितरित कर यह दिखाया कि बड़े राज्यों में भी प्रक्रिया तेज गति से चल रही है।

अपेक्षाकृत कम वितरण वाले राज्य

कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वितरण की दर अपेक्षाकृत कम रही।

  • केरल: 95.68 प्रतिशत

  • तमिलनाडु: 94.31 प्रतिशत

  • पुदुचेरी: 94.35 प्रतिशत

ECI ने इन क्षेत्रों में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त बूथ स्तर एजेंट नियुक्त करने का आह्वान किया है।


डिजिटल प्रक्रिया और डेटा प्रबंधन

ECI ने यह भी बताया कि वितरित प्रपत्रों में से 4.42 करोड़ से अधिक फॉर्म का डिजिटलीकरण पूर्ण हो चुका है। डिजिटल रूपांतरण मतदाता सूची की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। यह आगामी चुनावों में मतदाता पहचान में सुधार और सूची में किसी भी प्रकार की विसंगति को कम करने में सहायक होगा।

राजनीतिक दलों की भूमिका

मान्यता प्राप्त सभी राजनीतिक दलों को इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। विशेष रूप से उच्च जनसंख्या वाले निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक बूथ स्तर एजेंट नियुक्त कर सत्यापन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है।

डिजिटल सत्यापन और तकनीकी सुधार

निर्वाचन आयोग ने मतदाता विवरणों के डिजिटलीकरण पर विशेष जोर दिया है। सभी वितरित प्रपत्रों की ऑनलाइन एंट्री और सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक मतदाता का विवरण सटीक और अद्यतन हो। डिजिटल प्रक्रिया मतदाता सूची में त्रुटियों को कम करती है और आने वाले चुनावों में प्रशासनिक प्रक्रिया को तेज बनाती है।

उच्च जनसंख्या वाले क्षेत्रों में चुनौती

उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे बड़े और घनी आबादी वाले राज्यों में मतदाता फॉर्म वितरण की गति बनाए रखना चुनौतीपूर्ण रहा है। आयोग ने स्थानीय अधिकारियों और बूथ स्तर एजेंटों को अतिरिक्त संसाधन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर सत्यापन की गति बढ़ाने का निर्देश दिया है। इस प्रयास से मतदाता सूची में छूटे हुए क्षेत्र न्यूनतम किए जा सकते हैं।

राजनीतिक दलों की भागीदारी और पारदर्शिता

मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को मतदाता सत्यापन में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने विशेष मार्गदर्शन जारी किया है। यह कदम चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण है। उच्च जनसंख्या वाले निर्वाचन क्षेत्रों में अतिरिक्त बूथ स्तर एजेंटों की नियुक्ति से मतदाता सत्यापन और शिकायत निवारण दोनों में सुधार हो रहा है।

आगामी चुनावों के लिए तैयारियाँ

विशेष तीव्र पुनरीक्षण का यह चरण आगामी चुनावों की तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आयोग ने तीन सप्ताह के शेष समय में तेजी से वितरण और सत्यापन अभियान चलाने की योजना बनाई है। इससे मतदाता सूची पूरी तरह अद्यतन होगी और किसी भी प्रकार की विसंगति को समय रहते सुधारा जा सकेगा।

निर्वाचन आयोग की रणनीति

ECI ने लगभग 5.33 लाख बूथ स्तर अधिकारियों और 10.41 लाख बूथ स्तर एजेंटों को इस कार्य में शामिल किया है। यह बड़े पैमाने पर संसाधन जुटाने की प्रतिबद्धता दर्शाता है, ताकि सभी मतदाता विवरण समय पर अद्यतन हो सकें।

आने वाले हफ्तों की तैयारी

निर्वाचन आयोग ने अंतिम मतदाता सूची को समय पर अपडेट करने के लिए बाकी क्षेत्रों में गति बढ़ाने की योजना बनाई है। तीन सप्ताह से कम समय बचा होने के कारण, आयोग विशेष अभियान चला रहा है ताकि अंतिम सूची व्यापक और त्रुटिहीन हो।

मतदाता जागरूकता और सामाजिक प्रभाव

इस प्रकार के विशेष पुनरीक्षण से मतदाताओं को अपने विवरण की जांच करने और आवश्यक सुधार कराने का अवसर मिलता है। यह प्रक्रिया लोकतंत्र को सशक्त बनाने और चुनावी निष्पक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

विशेष तीव्र पुनरीक्षण चरण-द्वितीय ने 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता फॉर्म वितरण और सत्यापन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई है। डिजिटलरण, राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी, और आयोग की रणनीति ने इसे सफल बनाया है। शेष क्षेत्रों में गति बढ़ाने के बाद अंतिम सूची पूरी तरह अद्यतन हो जाएगी।

ये न्यूज IANS एजेंसी के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।

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