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अखिलेश यादव ने दीवाली दीयों पर खर्च पर रोक सुझाई, जबकि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्थानीय विक्रेताओं से खरीदे दीये

Akhilesh Yadav UP Diwali 2025: अखिलेश यादव ने यूपी दिवाली 2025 के लिए दीयों पर खर्च न करने का सुझाव दिया, जबकि सीएम मोहन यादव ने स्थानीय विक्रेताओं से खरीदारी की
Akhilesh Yadav UP Diwali 2025: अखिलेश यादव ने यूपी दिवाली 2025 के लिए दीयों पर खर्च न करने का सुझाव दिया, जबकि सीएम मोहन यादव ने स्थानीय विक्रेताओं से खरीदारी की (Image Source: X)
अक्टूबर 19, 2025

उत्तर प्रदेश में इस बार दीवाली के अवसर पर राजनीतिक दृष्टिकोण और व्यक्तिगत व्यवहार में बड़ा विरोधाभास देखा गया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि दीवाली पर दीयों और सजावट में अनावश्यक खर्च से बचा जाए। उनका कहना था कि इस समय ऐसे व्यय पर संयम रखना चाहिए और जनता के संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग होना चाहिए।

इसके विपरीत, वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर स्थानीय विक्रेताओं से व्यक्तिगत रूप से दीये खरीदे। यह कदम न केवल स्थानीय व्यवसायियों को समर्थन देने वाला था, बल्कि इसे मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत दृष्टिकोण और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक भी माना गया।

खर्च पर संयम बनाम व्यक्तिगत पहल

अखिलेश यादव की यह सलाह राज्य सरकार की सार्वजनिक वित्तीय नीति और आर्थिक बचत को प्राथमिकता देने वाली सोच का परिचायक है। उनका तर्क है कि सरकारी खर्च केवल आवश्यक और सामुदायिक कल्याणकारी योजनाओं में होना चाहिए, जबकि उत्सवों पर अत्यधिक खर्च से संसाधनों का दुरुपयोग हो सकता है।

मुख्यमंत्री की पहल और स्थानीय समर्थन

मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा स्थानीय विक्रेताओं से दीयों की खरीद इस बात का उदाहरण है कि व्यक्तिगत स्तर पर आर्थिक गतिविधियों और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री के इस कदम ने छोटे विक्रेताओं और कारीगरों को लाभ पहुँचाया, जो त्योहार के मौसम में जीविका के लिए इस प्रकार के अवसरों पर निर्भर रहते हैं।

राजनीतिक और सामाजिक संदेश

इस घटनाक्रम ने स्पष्ट रूप से यह दिखाया कि राजनीतिक दृष्टिकोण और व्यक्तिगत व्यवहार में भिन्नता हो सकती है। जहां एक ओर अखिलेश यादव ने व्यय पर संयम का संदेश दिया, वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने व्यक्तिगत क्रय से स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का संदेश दिया।

जनता और व्यापारियों पर प्रभाव

दोनों दृष्टिकोणों का जनता और व्यापारियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। अखिलेश यादव की सलाह आर्थिक विवेक और जिम्मेदार सरकारी खर्च की दिशा में जनता को सोचने के लिए प्रेरित करती है। वहीं मुख्यमंत्री की पहल छोटे व्यवसायियों के लिए उत्सव के मौसम में वित्तीय राहत और समर्थन का प्रतीक बनी।

इस प्रकार, इस साल की दीवाली उत्तर प्रदेश में न केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक बनी, बल्कि राजनीतिक विचार और व्यक्तिगत व्यवहार के बीच विरोधाभास को भी उजागर किया।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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