Bihar Politics: ठाकुर रत्नाकर राणा बोले – शिवहर में एनडीए पूरी तरह एकजुट, कहा पार्टी के प्रति वफादार हूं और रहूंगा

शिवहर के महुअरिया में भाजपा नेता और पूर्व विधायक ठाकुर रत्नाकर राणा ने कहा कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने खुद को पार्टी का वफादार सिपाही बताते हुए संगठन के प्रति निष्ठा दोहराई। जदयू प्रत्याशी श्वेता गुप्ता ने राणा से आशीर्वाद लिया और कहा कि एनडीए एकजुट होकर चुनाव जीतेगा।
नवम्बर 9, 2025

शिवहर में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन, ठाकुर रत्नाकर राणा बोले – “गठबंधन में कोई मतभेद नहीं”

Bihar Politics: महुअरिया में प्रेस वार्ता के दौरान राणा ने तोड़ी चुप्पी

बिहार के शिवहर जिले के राजनीतिक माहौल में तब हलचल मच गई जब भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ठाकुर रत्नाकर राणा ने शनिवार को अपने महुअरिया स्थित आवास पर प्रेस वार्ता की। लंबे समय से चली आ रही चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने कहा कि शिवहर में एनडीए पूरी तरह एकजुट है और किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है।

राणा ने कहा, “मैं पिछले एक सप्ताह से शिवहर में अपने घर पर ही था, किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया। लेकिन मैं भाजपा का कर्मठ सिपाही हूं और रहूंगा। पार्टी के आदेश पर चलना और संगठन के साथ खड़ा रहना मेरा कर्तव्य है।”

“हम स्वतंत्रता सेनानियों के घर से आते हैं”

ठाकुर रत्नाकर राणा ने अपने राजनीतिक और पारिवारिक इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि उनका परिवार स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं उस घर से आता हूं जहां ठाकुर नवाब सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। हमारे घर से सांसद और विधायक भी रहे हैं। हम राजनीति को सेवा मानते हैं, और पार्टी के प्रति निष्ठा निभाना हमारा संस्कार है।”

उन्होंने कहा कि भाजपा में रहकर उन्होंने हमेशा संगठन को मजबूत करने का काम किया है और भविष्य में भी ऐसा ही करेंगे।

“श्वेता गुप्ता के समर्थन में पूरा एनडीए एकजुट”

Bihar Politics: इस मौके पर मंच पर जदयू प्रत्याशी श्वेता गुप्ता और भाजपा जिला अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह समेत एनडीए गठबंधन के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे।
प्रत्याशी श्वेता गुप्ता ने राणा से आशीर्वाद लेते हुए कहा कि उनका पूरा भरोसा एनडीए परिवार और कार्यकर्ताओं पर है। उन्होंने कहा, “आप लोगों के सहयोग और समर्थन से मैं यह चुनाव जीतूंगी।”

सभा में मौजूद कार्यकर्ताओं ने “एनडीए एकजुट है” के नारे लगाए। माहौल में एकजुटता और जोश का स्पष्ट संदेश देखने को मिला।

“पार्टी के प्रति वफादारी ही सबसे बड़ा धर्म”

Bihar Politics:  प्रेस वार्ता के दौरान राणा ने साफ कहा कि राजनीति में वफादारी सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने कहा, “हमने पार्टी के साथ रहकर ताल ठोकना सीखा है। भाजपा और एनडीए का हिस्सा होना गर्व की बात है। हमारा लक्ष्य व्यक्तिगत नहीं, बल्कि संगठन और राज्य का विकास है।”

उन्होंने कहा कि शिवहर की जनता अब विकास चाहती है और एनडीए इस दिशा में ठोस काम कर रही है।

Bihar Politics: एनडीए कार्यकर्ताओं में बढ़ा जोश

ठाकुर राणा के इस बयान से स्थानीय कार्यकर्ताओं में नया उत्साह देखा गया। भाजपा और जदयू के संयुक्त कार्यकर्ता बैठक में यह संकेत मिला कि शिवहर सीट पर एनडीए एकजुट होकर मजबूती से चुनाव लड़ेगा।
नेताओं का कहना है कि आंतरिक मतभेद की अफवाहें अब खत्म हो गई हैं और अब पूरा ध्यान प्रचार अभियान पर केंद्रित किया जाएगा।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com



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Mohan Bhagwat RSS“हिंदू होना भारत के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है” – डॉ. मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शनिवार को बेंगलुरु में दो दिवसीय व्याख्यानमाला का शुभारंभ किया। इस व्याख्यान श्रृंखला का विषय था — “राष्ट्रीय जीवन में संघ की दृष्टि और भूमिका”। भागवत जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “हिंदू होना केवल एक पहचान नहीं है, बल्कि यह भारत के प्रति जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का प्रतीक है।” संघ को समझने के लिए तथ्य जरूरी, अफवाह नहीं अपने संबोधन की शुरुआत में डॉ. भागवत ने कहा कि पिछले एक दशक से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती रही हैं, परंतु इनमें से अधिकांश धारणाएँ अधूरी या अफवाहों पर आधारित हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा, “संघ को दूसरों की बातों से नहीं जाना जा सकता। जो लोग संघ को समझना चाहते हैं, उन्हें स्वयं अनुभव करना होगा। जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक भ्रम फैलते रहेंगे।” भागवत जी ने यह भी याद दिलाया कि 2018 में दिल्ली में इसी उद्देश्य से व्याख्यानमाला आयोजित की गई थी ताकि संघ के बारे में प्रामाणिक और तथ्यात्मक जानकारी समाज तक पहुँचे। समर्थन या विरोध का आधार तथ्य होना चाहिए आरएसएस प्रमुख ने अपने वक्तव्य में कहा कि किसी भी संगठन के प्रति समर्थन या विरोध भावनाओं पर नहीं, बल्कि तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा, “संघ को समझे बिना उसकी आलोचना या समर्थन करना उचित नहीं। जो लोग संघ को जानते हैं, वे जानते हैं कि इसका उद्देश्य केवल राष्ट्र सेवा है।” भागवत जी के अनुसार, संघ किसी राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, समाज और राष्ट्र की एकजुटता के लिए कार्यरत संस्था है। “हिंदू” शब्द का गहरा अर्थ डॉ. मोहन भागवत ने कहा, “जब हम स्वयं को हिंदू कहते हैं, तो यह केवल धर्म की परिभाषा नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली, हमारी संस्कृति और हमारे राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव है।” उन्होंने समझाया कि हिंदुत्व का अर्थ किसी विशेष पूजा-पद्धति से नहीं, बल्कि उस जीवनदृष्टि से है जो सबके कल्याण और समरसता की भावना रखती है। भागवत जी ने कहा, “हिंदू होना मतलब यह मानना कि हम सब एक ही मातृभूमि के संतान हैं। भारत की सेवा, समाज की रक्षा और संस्कृति का संरक्षण ही सच्चा राष्ट्रधर्म है।” समाज के प्रति उत्तरदायित्व का भाव अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह समाज में समरसता और सहयोग की भावना बनाए रखे। उन्होंने कहा, “संघ किसी व्यक्ति या संगठन के विरोध में नहीं, बल्कि सकारात्मक राष्ट्र निर्माण में विश्वास रखता है। हमें एक-दूसरे को समझने और जोड़ने की दिशा में कार्य करना चाहिए।” भागवत जी ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे परस्पर मतभेदों को छोड़कर देश के विकास के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसती है, और यही विविधता राष्ट्र की शक्ति है। राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका डॉ. भागवत ने बताया कि संघ का उद्देश्य किसी राजनीतिक सत्ता का केंद्र बनना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग में राष्ट्रीय चेतना का विकास करना है। उन्होंने कहा, “संघ का काम व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण करना है। जब व्यक्ति अपने कर्तव्य को समझेगा, तभी समाज और राष्ट्र सशक्त बनेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत विश्व में एक नई भूमिका निभाने जा रहा है, और इस परिवर्तन के केंद्र में भारतीय संस्कृति की वही प्राचीन दृष्टि है — “वसुधैव कुटुंबकम्।” Short Summary (50 Words): बेंगलुरु में आयोजित व्याख्यानमाला में आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू होना केवल पहचान नहीं, बल्कि भारत के प्रति जिम्मेदारी का भाव है। उन्होंने संघ को समझने के लिए अफवाहों से नहीं, बल्कि तथ्यों से जुड़ने की अपील की और राष्ट्र निर्माण में एकता पर बल दिया।: “हिंदू होना भारत के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है” – डॉ. मोहन भागवत