Petrol Price Today: देश में पेट्रोल की कीमतें भले ही आज स्थिर दिखाई दे रही हों, लेकिन आम आदमी की चिंता कम नहीं हुई है। मुंबई में आज पेट्रोल का भाव 103.54 रुपये प्रति लीटर दर्ज किया गया, जो कल के मुकाबले बिल्कुल अपरिवर्तित है। बीते एक महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ दिखता है कि पेट्रोल की कीमत 103.50 रुपये से 103.54 रुपये के दायरे में ही घूमती रही है। यानी उतार-चढ़ाव भले ही मामूली रहा हो, लेकिन राहत जैसी कोई स्थिति अब तक नहीं बनी है।
शहरों में रहने वाला मध्यमवर्ग हो या रोजाना वाहन चलाकर रोजी-रोटी कमाने वाला तबका, पेट्रोल की यह स्थिरता भी उनके लिए किसी सुकून से कम नहीं है। दाम भले न बढ़े हों, लेकिन पहले से ऊंचे स्तर पर टिके रहना ही जेब पर भारी पड़ रहा है।
पेट्रोल की कीमतें क्यों बनी हुई हैं स्थिर?
पेट्रोल की कीमतें एक दिन में नहीं तय होतीं। इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति, केंद्र और राज्य सरकारों के कर तथा तेल कंपनियों की मूल्य निर्धारण नीति जैसे कई कारक काम करते हैं। बीते कुछ हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बहुत बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया है, जिसका सीधा असर घरेलू पेट्रोल के दामों पर पड़ा है।
राज्यवार पेट्रोल कीमतों का टेबल
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | पेट्रोल की कीमत (₹ प्रति लीटर) | कीमत में बदलाव |
|---|---|---|
| अंडमान और निकोबार | ₹82.46 | 0.00 |
| आंध्र प्रदेश | ₹109.63 | 0.00 |
| अरुणाचल प्रदेश | ₹90.97 | +0.30 |
| असम | ₹98.33 | -0.51 |
| बिहार | ₹105.58 | +0.05 |
| चंडीगढ़ | ₹94.30 | 0.00 |
| छत्तीसगढ़ | ₹99.44 | 0.00 |
| दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव | ₹92.37 | 0.00 |
| दिल्ली | ₹94.77 | 0.00 |
| गोवा | ₹97.30 | +0.72 |
| गुजरात | ₹94.94 | +0.01 |
| हरियाणा | ₹96.03 | +0.12 |
| हिमाचल प्रदेश | ₹95.32 | -0.01 |
| जम्मू और कश्मीर | ₹96.62 | +0.13 |
| झारखंड | ₹97.86 | -0.58 |
| कर्नाटक | ₹102.92 | 0.00 |
| केरल | ₹107.30 | -0.03 |
| लद्दाख | ₹102.71 | +0.15 |
| लक्षद्वीप | ₹100.75 | 0.00 |
| मध्य प्रदेश | ₹106.52 | +0.08 |
| महाराष्ट्र | ₹103.54 | 0.00 |
| मणिपुर | ₹99.14 | -0.05 |
| मेघालय | ₹96.33 | +0.01 |
| मिजोरम | ₹99.26 | 0.00 |
| नागालैंड | ₹97.74 | 0.00 |
| ओडिशा | ₹100.93 | -0.13 |
| पुडुचेरी | ₹96.26 | -0.13 |
| पंजाब | ₹98.28 | 0.00 |
| राजस्थान | ₹104.72 | 0.00 |
| सिक्किम | ₹103.30 | 0.00 |
| तमिलनाडु | ₹101.03 | +0.23 |
| तेलंगाना | ₹107.46 | 0.00 |
| त्रिपुरा | ₹97.60 | -0.13 |
| उत्तर प्रदेश | ₹94.69 | -0.15 |
| उत्तराखंड | ₹93.37 | -0.37 |
| पश्चिम बंगाल | ₹105.41 | 0.00 |
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें यदि स्थिर रहती हैं तो भारत जैसे आयात-निर्भर देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में बड़े बदलाव की संभावना कम हो जाती है। पिछले एक महीने में कच्चे तेल की कीमतों में सीमित दायरे में ही हलचल रही है, इसलिए मुंबई समेत देश के कई हिस्सों में पेट्रोल के दाम लगभग जस के तस बने हुए हैं।
रुपये की स्थिति भी अहम
डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल भी पेट्रोल की कीमत तय करने में अहम भूमिका निभाती है। यदि रुपया कमजोर होता है तो तेल आयात महंगा पड़ता है, जिसका असर सीधे पेट्रोल की कीमत पर पड़ता है। हाल के दिनों में रुपये में भी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं हुआ, यही वजह है कि पेट्रोल के दामों में स्थिरता बनी हुई है।
करों का बोझ अब भी भारी
हालांकि कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन पेट्रोल पर लगने वाले केंद्र और राज्य सरकारों के कर अब भी ऊंचे स्तर पर हैं। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में थोड़ी राहत के बावजूद देश में पेट्रोल सस्ता नहीं हो पा रहा। मुंबई जैसे महानगरों में तो करों और परिवहन लागत का असर और भी ज्यादा दिखाई देता है।
बीते एक महीने का रुझान क्या कहता है?
पिछले एक महीने में पेट्रोल की कीमत 103.50 रुपये से 103.54 रुपये के बीच बनी रही। यह आंकड़ा दिखाता है कि बाजार फिलहाल किसी बड़े फैसले या बदलाव के इंतजार में है। आम उपभोक्ता के लिए यह स्थिति थोड़ी असमंजस भरी है, क्योंकि न तो दाम बढ़ रहे हैं और न ही घटने के संकेत मिल रहे हैं।
आम आदमी की जेब पर सीधा असर
पेट्रोल की ऊंची कीमतों का असर सिर्फ वाहन चलाने तक सीमित नहीं रहता। इसका प्रभाव किराया, सब्जियों की कीमत, रोजमर्रा के सामान और सेवाओं पर भी पड़ता है। मुंबई जैसे शहर में, जहां पहले से ही जीवन यापन की लागत अधिक है, पेट्रोल का 100 रुपये से ऊपर रहना हर परिवार के बजट को प्रभावित करता है।
आगे क्या उम्मीद की जाए?
आने वाले दिनों में पेट्रोल की कीमतों की दिशा काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय हालात पर निर्भर करेगी। यदि कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं या रुपया कमजोर होता है, तो पेट्रोल फिर महंगा हो सकता है। वहीं अगर वैश्विक बाजार में नरमी आती है और करों में कोई राहत दी जाती है, तो आम जनता को कुछ राहत मिलने की उम्मीद बन सकती है।
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